जीवन और मौत के बीच जूझ रहा मरीज, हाथों में हथकड़ी, जानिए पूरा मामला
पटना के पीएमसीएच में एक मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, इसके बावजूद उसके हाथों में हथकड़ी लगा हुआ है। पुलिस उसे मरीज के रूप में नहीं, कैदी के रूप में ही देख रही हैं।
पटना [जेएनएन]। पुलिस की निष्क्रियता कभी-कभी मानवीय हदों को भी पार कर देती है। खासकर उस समय भी पुलिस मानवीय चेहरा नहीं दिखाती जब कैदी एक मरीज के रूप में जीवन और मौत के बीच जूझ रहा हो। वह हमेशा कैदी को अपराधी की नजर से देखती है और उसके प्रति संवेदनहीन बनी रहती है।
ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को पीएमसीएच में देखने को मिला। राजधानी के पीएमसीएच में गुरुवार को एक कैदी मरीज राजू कुमार शर्मा को छपरा जिला बल ने दिखाने को लाया था। यहां पर मरीज को पहले ओपीडी में दिखाया गया।
डॉक्टरों ने मरीज को देखने के बाद पीएमसीएच के कैदी वार्ड में भर्ती करने की सलाह दी। कल उसे कैदी वार्ड में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। शुक्रवार को बेहोश होने पर उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यहां पर उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर बताई गई।
पीएमसीएच के इमरजेंसी प्रभारी डॉ.अभिजीत कुमार का कहना है कि मरीज के सिर में काफी चोट है। उसके साथ मारपीट की गई। फिलहाल उसकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।
चिकित्सक मरीज की स्थिति अत्यंत गंभीर बता रहे हैं। वह बेड पर जीवन और मौत से जूझ रहा है। न तो आंखें खोल रहा है, न ही कुछ बोल रहा है। बेड पर बेसुध पड़ा हुआ है। लेकिन उसके हाथों में लगी हथकड़ी जो, कैदी होने का परिचय दे रही है। इसके अलावा बगल में छपरा जिला बल के जवान भी तैनात हैं। हाथों में लगी हथकड़ी की रस्सी को बेड के खंभे से बांध दिया गया है।
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जिला बल के जवान बताते हैं कि छपरा के जलालपुर में राजू को मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में 16 जुलाई को पकड़ा गया था। उसके बाद स्थानीय लोगों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी है। उसके बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई।
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