गीता मेरी बेटी है, अब उसे अपने पास रखूंगा
पटना। तेरह साल पहले मेले में बिछड़ कर पाकिस्तान चली गई गीता मेरी बेटी है। उसे टीवी पर दे
पटना। तेरह साल पहले मेले में बिछड़ कर पाकिस्तान चली गई गीता मेरी बेटी है। उसे टीवी पर देखते ही हम पहचान गए। उसके बिछड़ने से हम अस्वस्थ हो गए हैं। जब से उसका पता चला, हम बहुत खुश हैं। गीता का एक 11-12 साल का बेटा भी है। यह कहना था गीता के पिता जर्नादन महतो का। मंगलवार को स्थानीय जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर दिल्ली रवाना होने से पहले जर्नादन महतो पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हें एक मजिस्ट्रेट व तीन पुलिस अधिकारियों के साथ फ्लाइट से दिल्ली भेजा गया।
सहरसा के जर्नादन महतो ने बताया कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली बुलाया है। मेरा डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। गीता मेरी बेटी है। मैंने उसे जन्म दिया है। सरकार टेस्ट करा ले। उसे अब अपने घर में ही रखेंगे। उसको ससुराल नहीं भेजेंगे। पिता ने फिर दोहराया कि उसकी शादी कबीरा के उमेश महतो से किया था, लेकिन अब उसके पास नहीं जाने देंगे। मेरे गांव कबीरा धाम के बगल में ही कबीरा है। केवल अफवाह फैलाई जा रही है कि उसका विवाह नहीं हुआ है। वह मूकबधिर है। वह सिर्फ इशारा करके अपनी बातें कहती है। अब मैं जल्दी से जल्दी अपनी बेटी गीता के पास पहुंचना चाहता हूं।