Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ‘स्वर्गीय’ भी जांचेंगे इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपी

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 18 Mar 2017 10:18 PM (IST)

    बिहार विद्यालय परीक्षा समिति हमेशा चर्चा में बना रहता है। इस बार इंटर कॉपियों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड ने उन लोगों का चयन किया है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।

    ‘स्वर्गीय’ भी जांचेंगे इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपी

    पटना [जयशंकर बिहारी]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अपने कारनामों की वजह से हमेशा चर्चा में बना रहता है। इस बार चर्चा में बनने का कारण यह है कि बोर्ड ने उन प्रोफेसर को इंटर कॉपी के मूल्यांकन के लिए च‍यनित किया है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। प्रो. एम आर अफसर का इंतिकाल छह साल पहले हो चुका है, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के रिकॉर्ड में वो जिंदा हैं। बोर्ड ने उन्हें इंटरमीडिएट कॉपी के मूल्यांकन में लगाया है। प्रो. अफसर एएन कॉलेज में जूलॉजी विभाग के वरीय प्रोफेसर थे। उनके मित्रों ने बताया कि बोर्ड यह गलती पिछले तीन-चार साल से करता आ रहा है। पिछले साल भी इनका नाम परीक्षक की सूची में था। वहीं, बोर्ड सूत्रों का कहना है कि तीन दिनों में ऐसे 40 परीक्षकों के नाम केंद्रों से भेजे गए हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं या गंभीर रूप से बीमार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहटा स्थित जीजे कॉलेज से दस साल पहले विनोद कुमार राय का स्थानांतरण राजधानी के टीपीएस कॉलेज में हो गया था। बोर्ड ने उन्हें कॉपी के मूल्यांकन के लिए पुराने कॉलेज से सूचीबद्ध किया है। बोर्ड के पास सबसे अधिक शिकायतें ये पहुंच रही हैं कि जिन्होंने मूल्यांकन सूची में नाम दर्ज नहीं कराया था, उन्हें शामिल किया गया है और जिन्होंने नाम दिए थे उनका नाम ही सूची में नहीं है।

    यह भी पढ़ें:  बिहार में कई साल से चल रहा था नौकरी बेचने का 'धंधा', जानिए

    पूर्व वीसी भी परीक्षक
    मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो. अरुण कुमार को भी इंटर की कॉपी मूल्यांकन के लिए बिहार बोर्ड ने परीक्षक बना दिया है। प्रो. अरुण कुमार मेरिट घोटाले के आरोपी और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. लालकेश्वर प्रसाद के रिश्तेदार हैं। इनके साथ कॉलेज ऑफ कामर्स आट्र्स एंड साइंस के प्रो. पूनम कुमारी, प्रो. रामेश्वर राम, प्रो. मनीषा कुमारी को भी सूची में शामिल किया गया है, जो रिटायर हो गए हैं या उनका स्थानांतरण हो चुका है।

    नियोजित शिक्षक की निगरानी में कॉपी की जांच करेंगे प्रोफेसर
    इंटरमीडिएट कॉपी मूल्यांकन में बड़े स्तर पर इस बार विभिन्न कॉलेजों के वरीय प्रोफेसर शामिल किए गए हैं। इनमें से अधिकांश ने नियोजित व वित्तरहित शिक्षकों की निगरानी में कॉपी की जांच करने से इन्कार कर दिया है। नियोजित शिक्षक अभिषेक सुमन ने बताया कि उन्हें प्रधान परीक्षक बनाया गया है। उनकी टीम में तीन प्रोफेसर परीक्षक बनाए गए हैं।

    यह भी पढ़ें: SEX RACKET: निखिल के पिता ने कहा, मैं नहीं जानता पीडि़ता को  

    केंद्र पर ही सूची में सुधार
    सीनियर को परीक्षक और जूनियर को मुख्य परीक्षक बनाए जाने से केंद्राधीक्षक भी हलकान हैं। मूल्यांकन कार्य सुचारु रूप से हो, इसके लिए केंद्रों पर ही सूची में सुधार हो रहा है। वहीं, प्रोफेसरों का कहना है कि इसके लिए केंद्र अधीक्षक वरीयता का प्रमाण मांग रहे हैं। यह जायज नहीं है।

    यह भी पढ़ें: अनजाने में 'खजाने' के मालिक हो गए वैशाली के ये बाबा, जानिए

    comedy show banner
    comedy show banner