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    सीएम नीतीश ने सुशील मोदी से कहा-आसमान से पैसा नहीं आता श्रीमान

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Sat, 01 Apr 2017 12:06 PM (IST)

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को अनुशंसित नई बिजली दरें, संशोधित पर सरकार का जवाब दे रहे थे। सुशील मोदी की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा- पैसा आसमान से नहीं आता श्रीमान।

    सीएम नीतीश ने सुशील मोदी से कहा-आसमान से पैसा नहीं आता श्रीमान

    पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और भाजपा पर करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आसमान से पैसा नहीं आता श्रीमान। आप केंद्र से ग्रांट क्यों नहीं दिलवाते? केंद्र सरकार ने जो कमिटमेंट किया था, वह पैसा भी नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री के घोषित पैकेज का पैसा भी नहीं मिला है। राज्य सरकार के सीमित संसाधन हैं।

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    भाजपा प्रदेश की गरीब जनता की मदद करना चाहती है तो केंद्र सरकार और एनटीपीसी से बिहार को सस्ती बिजली दिलाए।

    नीतीश विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद बिहार विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अनुशंसित नई बिजली दरें (2017-18) संशोधित पर सरकार का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री के जवाब पर हस्तक्षेप करते हुए विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने कहा कि सरकार बिजली बिल पर जो सब्सिडी देने जा रही वह काफी कम है। बिहार की गरीब जनता पर इस वृद्धि से काफी बोझ बढ़ेगा।

    नीतीश कुमार ने सुशील मोदी के हस्तक्षेप का प्रतिकार करते हुए कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार रेलवे का किराया पूरे देश में एक समान तय करती है उसी तरह एनटीपीसी की बिजली दरें भी एक समान लागू करे। बिहार बाजार में सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होने के बाजवूद एनटीपीसी से महंगी बिजली खरीदने को मजबूर है।

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    मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर बिहार के हिस्से का बीआरजीएफ और सर्व शिक्षा अभियान सहित कई योजनाओं में सैकड़ों करोड़ रुपये नहीं दिए जाने को लेकर भी सवाल खड़ा किया। कहा कि केंद्र को बिहार की गरीब जनता की चिंता होती तो दर्जनों योजनाओं में हिस्सेदारी 90:10 से घटाकर 60 :40 नहीं करती।

    नीतीश कुमार के जवाब पर विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के बहिष्कार गंभीरता से लिया। कहा कि सदन से बाहर जाकर बात-बात पर मीडिया में बयान देने की नई परंपरा शुरू हो गई है। उन्होंने विधान परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह से इस पर पाबंदी लगाने का आग्रह किया।

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