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    दिल्ली एमसीडी चुनाव में दांव आजमाने चले बिहार के राजनीतिक दिग्गज

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 31 Mar 2017 09:54 PM (IST)

    दिल्ली एमसीडी चुनाव में बिहार के राजनीतिक महारथी लालू यादव, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी जोर-आजमाइश करने में जुट गये हैं। खास बात यह है कि सब अलग-अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं।

    दिल्ली एमसीडी चुनाव में दांव आजमाने चले बिहार के राजनीतिक दिग्गज

    पटना [रवि रंजन]। दिल्ली एमसीडी चुनाव में बिहार के राजनीतिक महारथी लालू यादव, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी जोर-आजमाइश करने में जुट गये हैं। तीनों इस कोशिश में लगे हैं कि किस तरह हस्तिनापुर की कुर्सी पर कब्जा जमाया जाये।

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    यह सारी कोशिश उन 30 से 40 लाख वोटरों के भरोसे हो रही है जो यूपी के पूर्वांचल और बिहार से आकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का सत्ता निर्धारित करने वाले बन गये हैं। इन्हीं वोटरों की बदौलत बिहार के राजनीतिक धुरंधर दिल्ली में पैठ बनाने की जुगत में लगे हैं। वर्ष 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में बिहार तथा पूर्वांचल के मतदाताओं ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन देकर सभी राजनीतिक समीकरण को ध्वस्त कर दिया था।

    यूं तो दिल्ली के सभी क्षेत्र में बिहारी मतदाता मिल जायेंगे लेकिन बुराड़ी, किराड़ी और पूर्वी दिल्ली में बिहारी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। ये वो मतदाता है, जो रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आये थे और यही के होकर रह गये। इन वोटरों पर सभी बिहारी महारथियों की नजर टिकी हुई है। भाजपा हो, जदयू, राजद या लोजपा, सभी को मालूम है कि ये वोटर चाहें तो वे दिल्ली की कुर्सी पर काबिज हो सकते हैं।

    यही कारण है कि भाजपा ने एमसीडी चुनाव में बिहार और पूर्वांचल के वोटरों की संख्या को देखते हुए मनोज तिवारी को दिल्ली का प्रभारी बनाया है, जो बिहार व पूर्वांचल में काफी पैठ रखते हैं।

    जदयू दिल्ली में लगभग सभी 272 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसके मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और बिहारी वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए 9 अप्रैल को उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में दो रैली करेंगे।

    जदयू इस चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दिखाने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। दिल्लीे में भोजपुरी बोलने वालों की काफी संख्या है। हाल में जदयू ने भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठायी है। जदयू का यह कदम भोजपुरी वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश करता दिख रहा है। साथ ही जदयू इस चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, बिजली, पानी, सड़क जैसे मुद्दे के आधार पर जनता का समर्थन लेने की कोशिश में है।

    लालू यादव की पार्टी राजद दिल्ली एमसीडी चुनाव में करीब 100 सीटों पर अपना उम्मीजदवार खड़ा करने की तैयारी में है। चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूत करने और वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार करेंगे।

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    दिल्ली हो या बिहार, जब नीतीश कुमार और लालू यादव राजनीतिक अखाड़े में कूद चुके हैं तो सत्ता की चाबी लेकर चलने वाले रामविलास पासवान पीछे कैसे रह सकते हैं। रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा भी दिल्ली के राजनीतिक अखाड़े में उतरने के लिए कमर कस चुकी है। हाल ही में मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में भी लोजपा को एक सीट मिली और जो वर्तमान सरकार में मंत्री बनाये गये हैं।

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    लोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यमक्ष और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान भी बिहारी वोटरों की बदौलत चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

    इस चुनाव में सबसे खास बात यह है कि बिहार में भाजपा और लोजपा एक साथ है। जदयू और राजद एक साथ है। लेकिन दिल्लीे एमसीडी चुनाव में सबसे अलग-अलग दांव ठोक रहे हैं।

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