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    BSSC पेपर लीक में खुलासा: बिहार-यूपी है गढ़, पूरे देश में नेटवर्क

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 09 Feb 2017 10:51 PM (IST)

    बीएसएससी का पेपर लीक होने के बाद जब जांच की गई और कार्रवाई हुई तो कई बड़े खुलासे सामने आए हैं। इसके बड़े गिरोह भले ही बिहार के हों लेकिन इनका नेटवर्क ...और पढ़ें

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    BSSC पेपर लीक में खुलासा: बिहार-यूपी है गढ़, पूरे देश में नेटवर्क

    पटना [आशीष शुक्ल] ।बीएसएससी इंटर स्तरीय परीक्षा( बीएसएससी) के पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी को ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं, जिनसे साफ हो गया है कि इसके बड़े गिरोह का गढ़ भले ही बिहार और यूपी में है, परंतु इनका नेटवर्क देशभर में फैला है।

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    पिछले दो वर्ष में यूपी, बिहार, हैदराबाद, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हल्द्वानी, झारखंड में हुई कई प्रतियोगी परीक्षा के पूर्व सॉल्वरों की गिरफ्तारी और पेपर लीक के मामले खुल चुके हैं। करोड़ों के लेन-देन के इस खेल में शिक्षा माफिया से लेकर पढ़े-लिखे बेरोजगार, टीचर और सरकारी कर्मचारी तथा ऊंचे रसूख वाले लोग शामिल हैं।

    हाल के दिनों के मामले

    2015 में हरियाणा टीचर एलजिबिलिटी एग्जाम में 40 करोड़ रुपए का सौदा सामने आया था। साल्व पेपर के हर खरीददार से 2 लाख में सौदा हुआ था। भंडाफोड़ हुआ तो टीचर और सरकारी कर्मचारी सरगना निकले।

    7 फरवरी 2016 को आयोजित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में नकल कराने की तैयारी में जुटा पूरा गिरोह ही पकड़ा गया। इसमें सरकारी कर्मचारी और यूपी, बिहार, दिल्ली से 29 लोग पकड़े गए थे। पेपर लीक होने की वजह से एआइपीएमटी-2015 में 6.30 लाख परीक्षार्थियों को दोबारा एग्जाम देना पड़ा था।

    सीबीएसई को करीब 80 करोड़ रुपए खर्च की चपत लगी थी। पिछले वर्ष हैदराबाद में इंजीनियरिंग, कृषि एवं मेडिकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक का मामला दर्ज किया गया था। इसमें दो सौ अभ्यर्थियों से 7-7 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिया गया था।

    हर गैंग में का बिहार का कनेक्शन

    हैदराबाद में इंजीनियरिंग, कृषि एवं मेडिकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक मामले में तेलंगाना की सीआइडी ने कारवाई की तो बिहार का अजय कुमार सिन्हा, रितेश और राजेश को गिरफ्तार किया गया।

    यह भी पढ़ें : CBI के हत्थे चढ़ा यह आयकर आयुक्त, बिहार से चेन्नई तक मिली करोड़ों की संपत्ति पिछले वर्ष नेशनल एलिजिबिल्टी कम इंट्रेस टेस्ट (नीट) परीक्षा में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और नोएडा को सेंटर बनाया गया था। पेपर को इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से लीक करना था। यूपी एसटीएफ ने राजीव कुमार श्रीवास्तव निवासी विशापुर बलुवा (चन्दौली),अभिमन्यु कुमार निवासी नुरानी बाग कालोनी पटना (बिहार), कमलेन्द्र कुमार साव निवासी छच्जापुर टाण्डा (अंबेडकरनगर), संजय कुमार कुशवाहा पटना (बिहार), प्रमोद जायसवाल निराला नगर (सिगरा), विजेन्द्र प्रताप सिंह बड़ा लालपुर (शिवपुर), दिलशाद राजा बाजार (कैण्ट) तथा प्रियंका ठाकुर समस्तीपुर (बिहार) को गिरफ्तार किया था।

    सामने आए कई सरगनाओं के नाम

    नीट परीक्षा में पेपर लीक कराने की तैयारी में जुटे जिस गैंग को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया उसमें सरगना बिहार का निलेश निकला। आज तक नहीं पकड़ा गया। बिहार में एसएससी परीक्षा के दौरान गर्दनीबाग और कोतवाली में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ डेढ़ दर्जन सॉल्वर पकड़े गए थे। गिरोह सरगना बिहार का आकाश उर्फ विमलेश उर्फ महेश निकला। वह भी फरार है।

    यह भी पढ़ें : रिजल्ट घोटाले से भी बड़ा है बिहार का BSSC का घोटाला

    बीएसएससी परीक्षा के पेपर लीक की बात तब सामने आई जब पटना पुलिस ने आर्मी की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया। गैंग का सरगना बिहार का गुरु उर्फ अमिताभ फरार है। दो वर्ष पूर्व पटना की कंकड़बाग पुलिस ने मेडिकल की पीजी, एसएससी व बैंकिंग परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा, सॉल्वर से मदद और पेपर लीक कराने वाले गैंग को दबोचा था।

    पूरा खेल बेंगलोर के चंद्रा जी ने किया। वह भी फरार है। 2015 में दिल्ली में जेबीटी और टीजीटी भर्ती घोटाला में 25 टीचर और 5 सॉल्वर पकड़े गए। पुलिस को मालूम हुआ कि फरार मिथिलेश पांड उर्फ गुरु नामक युवक ही प्रिंटिंग मशीन से पर्चा लीक कराता है।