BSSC exam: परीक्षा से पहले सवाल आ गए बाहर! हुई तीन करोड़ की कमाई
बीएसएससी की परीक्षा से पहले ही उसका आंसर शीट व्हाट्सएप पर वायरल हो गया और इससे करोड़ों की कमाई हुई। हालांकि अायोग अभी भी इससे इंकार कर रहा है।
पटना [जेएनएन] रविवार को बीएसएससी इंटरस्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र में पूछे गए साठ फीसद सवाल परीक्षा शुरू होने से पूर्व केंद्रों से वाट्स एप पर बाहर आ गए। खबर है कि राजधानी पटना समेत सूबे के कई जिलों जालसाजों ने इसे हल करवाकर खुलेआम बेचकर लाखों की कमाई की है। हालांकि आयोग ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रकरण को जांच का विषय बताया है।
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के सचिव परमेश्वर राम से जब इंटरस्तरीय परीक्षा के दौरान ही प्रश्नों के वाट्सएप पर वायरल होने की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि आयोग के चेयरमैन व सचिव समेत तीनों पदाधिकारी ही आयोजन के लिए जिम्मेदार नहीं है। प्रश्न पत्र एजेंसी से सीधे विभिन्न जिलों के डीएम के पास पहुंचे थे। प्रश्नपत्र ट्रेजरी में सुरक्षित रखे गए थे।
परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी डीएम, एसपी, डीआइजी व जोनल आइजी आदि की थी। कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के लिए सभी को पत्र लिखा गया था। ऐसे में यह जांच का विषय है कि पेपर कहां से लीक हुआ है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि शाम तीन बजे तक उसके पास पेपर लीक होने का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है।
विदित हो कि पटना पुलिस ने शनिवार को सेना में बहाली और प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने गिरोह के सरगना मुन्ना कुमार समेत चार गुर्गों को गिरफ्तार किया था। एक गुर्गे नीतीश ने पुलिस को जानकारी दी थी कि बीएसएससी परीक्षा का पेपर लीक हो चुका है, उसने इसके लिए कई लोगों से रकम की उगाही की है। हालांकि उसने यह बताया था कि पेपर उसे रविवार को वाट्स एप पर मिलना था।
आज बाहर आए प्रश्न मैच करने की बाबत जब परीक्षार्थियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र लीक की बात अफवाह नहीं हो सकती क्योंकि ज्यादातर प्रश्न लीक पेपर से मैच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा हॉल में जब प्रश्न पत्र हाथ में आया तो देखकर हैरानी हुई कि अधिकतर प्रश्न, लीक प्रश्नपत्र से मैच कर रहे थे, इस बात का पता चलते ही मामले की सख्ती से जांच की जा रही है।
फिलहाल इस बारे में कोई पुख्ता सुबूत या आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। परीक्षा खत्म होने के बाद ही ही सही बातों की जानकारी मिल सकेगी कि प्रश्नपत्र लीक होने के बाद कितने प्रश्न मैच कर गए। वहीं सासाराम के शेरशाह कॉलेज और उच्च माध्यमिक विद्यालय डिलिया देहरी परीक्षा केंद्र से दो मुन्नाभाई भी गिरफ्तार किए गए।
सुबह से लीक प्रश्नपत्र बिक रहे थे बाजार में
रविवार सुबह से कई प्रश्नपत्र बाजार में आ गए जिनके असली हाने के दावे किए जा रहे थे। गिरोह के गिरफ्तार सदस्य नीतीश ने पुलिस को बताया था कि प्रश्नपत्र गुरुजी उर्फ अमिताभ ने लीक किया है। उसने प्रति उम्मीदवार छह लाख रुपये की वसूली की है, वह एक लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से गुरुजी को भुगतान करता। प्रश्न उसे वाट्सएप पर मिलने वाले थे, लेकिन इससे पहले वह पकड़ा गया।
पुलिस कर रही पूछताछ
रविवार परीक्षा आरंभ होने के पहले से ही कई तरह के प्रश्नपत्र बाजार में बिकने लगे थे। पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। पुलिस सुबह से ही कई फोटो कॉपी के दुकानदारों से पूछताछ कर रही थी।
20 हजार में सेना का मेडिकल टेस्ट पास
इस गिरोह के लोग सेना में बहाली कराने के लिए एक उम्मीदवार से पांच लाख रुपये वसूलते थे। गिरफ्तार राहुल के अनुसार उत्तर प्रदेश के अनिल कोतवाल के माध्यम से उसका दानापुर आर्मी रेजिमेंट के दो कर्मियों से परिचय हुआ था, जिन्हें वह एक उम्मीदवार को मेडिकल टेस्ट में पास कराने के लिए 20 हजार रुपये देता था। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए 80 हजार रुपये प्रति उम्मीदवार भुगतान करता था।
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इसके एवज में परीक्षा में आने वाले 50 से अधिक प्रश्न उम्मीदवारों को एक दिन पहले ही दे दिया जाता था। मुन्ना और राहुल का दावा है कि उसके जरिए सेना में बहाल हुए दर्जनों लोग फिलहाल देश के विभिन्न राज्यों में सेवा दे रहे हैं।
कई दस्तावेज बरामद
पुलिस को गिरोह कि पास से कई उम्मीदवारों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, आर्मी की बहाली से जुड़े दस्तावेज, एक दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड, मोबाइल, दो लग्जरी गाडिय़ां और 3.48 लाख रुपये बरामद हुए हैं। मुन्ना ने एक्स आर्मीमैन का फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा था, जिसे दिखाकर वह आवेदकों से मोटी रकम की उगाही करता था।
गिरोह में सेना के लोग भी
जालसाजों के मोबाइल की कॉल डिटेल में सेना के कुछ लोगों से लगातार बातचीत होने के प्रमाण मिले हैं। पुलिस उनके नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है। भूमिका के सत्यापन की बात कही जा रही है। इस संदर्भ में एसएसपी ने सेना के वरीय अधिकारियों को पत्राचार करने के साथ उन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बात कही है।
एक कर्नल पर गंभीर आरोप
गिरफ्तार मुन्ना ने बताया कि 2004 में उसने सेना की बहाली के लिए किसी को मोटी रकम दी थी, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ और रुपये भी नहीं लौटे। इसके बाद वह फर्जीवाड़ा करने लगा। उसकी पहचान सेना के एक कर्नल से हुई।
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उन्होंने उसके लड़कों को बहाली के लिए पुणे बुलाया, जहां उनकी पत्नी ने 12 लाख रुपये नकद लिए। हालांकि काम नहीं हुआ और उनकी पत्नी रुपये वापस करने में आनाकानी करने लगी। इस बीच उनका ट्रांसफर मुजफ्फरपुर हो गया। कई बार उनकी पत्नी को पैसे लौटाने के लिए कॉल किया तो कर्नल ने काजी मोहम्मदपुर थाने में चार मार्च 2016 को रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज करवा दी।
बोले एसएसपी
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरफ्तार मुन्ना धोखाधड़ी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है। गुरुजी की तलाश में छापेमारी चल रही है। सेना के कुछ लोगों के नाम उजागर हुए हैं, जिनकी भूमिका का सत्यापन किया जा रहा है। कर्नल पर लगे आरोपों की छानबीन की जा रही है।
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