हिंदी और इतिहास पढ़ानेवाले दो शिक्षकों की अजब प्यार की गजब कहानी
एक हिंदी पढानेवाले टीचर को इतिहास पढ़ानेवाली टीचर से प्यार हो गया। दोनों एक साथ रहने लगे। घरवालों को अपने प्यार की भनक लगते ही दोनों ने उनकी रजामंदी के बगैर विधिवत शादी कर ली।
नवादा [जेएनएन]। जिले के इंटर कॉलेज में इतिहास पढ़ानेवाली टीचर को हिंदी पढ़ाने वाले टीचर से प्यार हो गया। दोनों ने एक साथ एक ही स्कूल में नौकरी पाई थी और पहली ही नजर में दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे। एक साल तक चले इस प्यार को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अंतत: दोनों जातीय सीमा को लांघकर मंदिर में जाकर शादी की और पवित्र बंधन में बंध गए।
हिंदी पढ़ानेवाले टीचर दिनेश को इतिहास पढ़ाने वाली टीचर अनु सुमन भारती से प्यार हो गया। दिनेश को डर था कि जब वो अपने प्यार के बारे में घर बताएगा तो उसके घरवाले शादी के लिए कभी नहीं मानेंगे, क्योंकि एक तो लड़की सजातीय नहीं है और दूसरे घरवाले बिना दहेज की शादी को तैयार नहीं होंगे।
अनु सुमन भारती और दिनेश के बीच पिछले एक साल से प्रेम-संबंध था। दोनों ने समाज और घरवालों के डर के कारण अपने-अपने घर में इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी और साथ एक ही घर में रह रहे थे। इसी बीच अनु सुमन और दिनेश के घरवाले दोनों की शादी के लिए लड़का और लड़की ढूंढ रहे थे।
दोनों ने दो दिन पूर्व राजगीर जाकर हिन्दू रीत-रिवाज से शादी रचा ली। बता दें कि हिन्दी विषय के शिक्षक नारदीगंज बभनौली निवासी दिनेश कुमार एवं नवीन नगर मोहल्ला निवासी इतिहास के शिक्षक अनु सुमन भारती के बीच के बीच पिछले 2 वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था।
दोनों दो दिन पूर्व परिजनों को बगैर सूचित किए राजगीर में एक मंदिर में जाकर शादी कर ली। वेखबर लड़की के पिता रामचंद्र प्रसाद वर्मा ने अपने पुत्री के गुमशुदा होने की शिकायत नगर थाना में दर्ज करा दिया था। शिकायत दर्ज होने के बाद नगर थाना पुलिस खोजबीन कर रही थी।
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इसी क्रम में पुलिस को सूचना मिली कि लड़की नारदीगंज के बभनौली गांव में अपने सहयोगी शिक्षक के घर रह रही है। इसके बाद दोनों को वहां से लाया गया। और फिर कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गई। दरअसल दोनों के शादी करने और इसका साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद लड़की के पिता ने प्राथमिकी कराने से इंकार कर दिया। वैसे भी दोनों बालिग थे।
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