Move to Jagran APP

जांच व बयान के बीच मासूम की जान

By Edited By: Published: Sat, 29 Dec 2012 02:05 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2012 02:06 AM (IST)
जांच व बयान के बीच मासूम की जान

जागरण कार्यालय, मुजफ्फरपुर : 18 सितंबर 2012 की रात जवाहरलाल रोड स्थित अतुल चक्रवर्ती के आवास में सभी चैन से सोये थे। उसी रात उनके घर के एक खास कमरे में सोई उनकी बेटी सेंट जेवियर्स स्कूल की छात्रा नवरुणा का अपहरण हो गया। घटना के बाद जब परिजनों की नींद खुली तो तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। 19 सितंबर को दर्ज मामले की जांच के लिए दर्जन भर अधिकारियों को लगाया गया। पुलिस की टीम ने शहर व आस-पास के जिलों के अलावा दिल्ली, कोलकाता व हावड़ा जाकर जांच की। नवरुणा व उसके परिवार के हर कनेक्शन को खंगाला गया। परिजनों ने भूमि माफियाओं का नाम लिया सुदीप चक्रवर्ती के भी घटना में लिप्त होने की बात कही। सभी पकड़े गए। जेल भेजे गए। रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई। लेकिन 101 दिन बाद भी नवरुणा नहीं मिली। वजह परिजनों के लगातार बदलते बयान व जानकारी की कमी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी राजेश कुमार की रिपोर्ट पर एडीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने मामले की जांच सीआइडी से कराने की अनुशंसा करते हुए डीजीपी को पत्र भेजा। बयान व जांच के पेंच में फंसी नवरुणा की जान का क्या हुआ? वह कहां है? यह अभी साफ नहीं हो पाया है। 26 दिसंबर को अगवा छात्रा के घर पास से कंकाल की फॉरेंसिक रिपोर्ट शुक्रवार को आने के बाद परिजनों ने फिर डीएनए टेस्ट से इन्कार कर एक नए सवाल को जन्म दे दिया। सवाल यह कि पहले परिजनों ने कहा था, फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद जांच के लिए सेंपल देंगे। पर अब सीबीआइ को सेंपल देने की बात कर रहे हैं। कह रहे हैं कि दिल्ली में रह रहे हमारे बच्चों से पुलिस ने पूछताछ की। इसकी क्या वजह थी? हमें ही हर बार तंग किया जाता है क्यों? लेकिन अब सवाल है कि पुलिस को जबतक जांच के लिए तथ्य नहीं मिलेंगे तो कैसे नवरुणा के अपहरण का खुलासा होगा।

loksabha election banner

-----------

खास कमरे की जानकारी कैसे लगी अपहर्ताओं को

नवरुणा घर के जिस कमरे में सोई थी। उसमें सोते हुए उसे महज एक सप्ताह भी नहीं हुए थे कि वह अगवा हो गई। इस स्थिति में उसके कमरे की जानकारी किस तरह अपहर्ताओं को लगी। कहीं इसमें कोई करीबी तो नहीं है। या फिर वैसा व्यक्ति तो नहीं है, जिसे उस घर की भौगोलिक बनावट का अंदाजा हो। इस बिन्दु पर भी पुलिस जांच कर रही है।

--------------------

एक से तीन महीने में शव से समाप्त हो जाता है मांस

मनुष्य के शव को पूरी तरह से गलने में एक से तीन महीने का वक्त लगता है। इस बाबत एसकेएमसीएच के विधि एवं विष विभाग के अध्यक्ष डा. विपिन कुमार ने बताया कि शव गलने के पीछे मिंट्टी व उसके ठिकाने लगाने का वातावरण भी अहम होता है। वैसे एक से तीन महीने के बीच शव से मांस पूरी तरह से हट जाता है और अस्थि पंजर बच जाता है। चिकित्सक के मुताबिक कम उम्र व बीमार आदमी का शव जल्दी गल जाता है। 20 से 40 वर्ष या मोटे शरीर के आदमी के शव को गलने में ज्यादा समय लग जाता है। पर वह भी इसी अवधि में गल जाता है। बच्चे व बीमार व्यक्ति का शव एक महीने में भी समाप्त हो सकता है।

------------------

10 से 20 नवंबर के बीच की गई थी बच्ची की हत्या!

नाली से मिले मानव कंकाल के बारे में पूरी जानकारी साफ हो गई है। चिकित्सकों ने कंकाल देखने के बाद 30 नवंबर को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंकाल देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त बच्ची की हत्या कंकाल मिलने से पूर्व 10 से 20 नवंबर के बीच की गई होगी। इस स्थिति में पुलिस जांच की सूई आस-पास से अगवा या गायब लोगों पर तेजी से गई और डीएनए टेस्ट की जरूरत पड़ी।

--------------------

एक से दो दिन ही हुई नाली की सफाई

जवाहरलाल रोड स्थित नाली की सफाई 26 नवंबर के बाद 27 को हुई। परंतु, उसके बाद सफाई का काम बंद है। वजह चाहे जो हो लेकिन लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि कंकाल मिलने के बाद से यहां कोई आया नहीं है। सफाई की चिंता किसी को नहीं है।

---------------

घटना के पीछे शातिर दिमाग

परिजनों के बयान व पुलिस जांच के तमाम तरीकों के बाद भी छात्रा का नहीं मिलना आश्चर्य है। लोगों का कहना है कि इस घटना के पीछे पूरी तरह से शातिर दिमाग काम कर रहा है। जो पुलिस के हर स्टेप का जवाब देने को पहले से ही तैयार रहता है। वरना अबतक मामले का खुलासा हो गया होता।

--------------------

सेंपल के लिए अनुरोध करने गए पुलिस अधिकारी बैरंग वापस

फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद नगर पुलिस उपाधीक्षक उपेन्द्र कुमार व नगर थानाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार शुक्रवार की देर शाम अगवा छात्रा के घर डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल लेने पहुंचे। परिजनों से सेंपल देने का अनुरोध किया। परंतु, परिजनों ने साफ तौर पर सेंपल देने से इन्कार कर दिया। पुलिस अधिकारियों की तमाम कोशिशों के बाद भी परिजन नहीं माने। नतीजतन पुलिस अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा।

---------------------

अब कोर्ट के आदेश से लिया जाएगा सेंपल

परिजनों के लगातार बदलते बयान से पुलिस की मुश्किल भी बढ़ती जा रही है। इस स्थिति में जांच की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो इसके लिए पुलिस कोर्ट के आदेश से परिजनों का सेंपल लेकर डीएनए टेस्ट कराएगी।

-------------------

'डीएनए टेस्ट सेंपल देने से परिजनों ने इन्कार कर दिया है। निष्पक्ष जांच के लिए डीएनए जांच कराना आवश्यक है। कोर्ट से आदेश लेकर हर स्थिति में सेंपल लिया जाएगा। ताकि कंकाल से जुड़ी हकीकत सामने आए। साथ नवरुणा कांड में जांच आगे बढ़े।'

राजेश कुमार, एसएसपी

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.