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बिहार में पति-पत्नी की निजी बातों पर भी नजर रखेंगे डीएम साहेब!

बिहार के मधेपुरा में जिला प्रशासन पति-पत्नी की निजी बातों पर भी नजर रखेगा। डीएम के आदेश के अनुसार वहां से संचालित सभी व्‍हाट्सएप व फेसबुक ग्रुप्स पर प्रशासन की नजर रहेगी।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 19 Oct 2016 01:04 PM (IST)Updated: Wed, 19 Oct 2016 06:01 PM (IST)
बिहार में पति-पत्नी की निजी बातों पर भी नजर रखेंगे डीएम साहेब!

पटना [वेब डेस्क]। बिहार के मधेपुरा में डीएम ने जिले से संचालित हो रहे सभी व्हाट्सएप और फेसबुक ग्रुप्स से जिला प्रशासन को जोडऩे का फरमान जारी किया है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कोई अपवाद नहीं रखने के कारण प्रशासन अब फैमिली ग्रुप्स में पति-पत्नी के बीच होने वाली निजी बातों में भी तांकाझांकी करेगा।

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इस बाबत पूछने पर डीएम मो. सुहैल ने कहा कि उनका आदेश सोशल ग्रुप्स पर लागू है, न कि व्यक्तिगत। उन्होंने कहा कि आदेश में इसे स्पष्ट किया गया है। लेकिन, जागरण के पास उपलब्ध आदेश की कॉपी में यह स्पष्ट नहीं है कि यह केवल सोशल ग्रुप्स पर ही लागू है।

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यह है मामला...

मधेपुरा जिला प्रशासन ने दशहरा और मुहर्रम के दौरान जिला के बिहारीगंज में हुए सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर यह निर्णय लिया है। मंगलवार को डीएम मो. सोहैल ने आदेश जारी कर सोशल साइट्स के जरिये अफवाह फैलाने की जांच के लिए मॉनिटरिंग सेल का भी गठन किया है।

जिला प्रशासन स्तर से जारी आदेश में कहा गया है कि बिहारीगंज में छापामारी में कुछ मोबाइल जब्त किए गए थे। जांच में पाया गया कि यहां तनाव फैलाने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया गया था। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है।

मॉनिटरिंग सेल का यह दायित्व है कि वह सभी प्रकार के ग्रुप्स का अनुश्रवण कर प्राप्त सूचनाओं को लेखनबद्ध करे। साथ ही प्राप्त सूचनाओं के आधार पर दोषी पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता एवं आइटी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई करे। इस मॉनिटरिंग सेल से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप मोबाइल नंबर (9955948775) तथा फेसबुक ग्रुप को 'मधेपुरा मॉनिटर' पर रिक्वेस्ट भेजने हैं।

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आदेश की आलोचना

मधेपुरा में कानून-व्यवस्था के नाम पर उठाए गए इस प्रशासनिक कदम की सोशल मीडिया में आलोचना हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है। प्रशासन बेवजह उनके बेडरूम तक घुसपैठ करना चाहता है। आम राय में प्रशासन संदिग्ध सोशल मीडिया ग्रुप्स की शिनाख्त करे, उनपर नजर रखे, लेकिन, कानून-व्यवस्था के नाम पर लोगों की निजता के अधिकार का हनन गैरकानूनी है।


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