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    शिक्षा विभाग का नया कारनामा, बिना मूल्यांकन के पास हो गये तीन लाख बच्चे

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 10:55 PM (IST)

    बिहार सरकार ने सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के स्कूली बच्चों के लिए वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा में शामिल बच्चे बिना कॉपियों के मूल्यांकन के ही पास हो गये।

    शिक्षा विभाग का नया कारनामा, बिना मूल्यांकन के पास हो गये तीन लाख बच्चे

    जमुई [आशुतोष कुमार सिंह]। बिहार सरकार ने बड़े तामझाम से सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के स्कूली बच्चों के लिए वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा 17 मार्च से 24 मार्च तक जमुई जिले के 1704 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में आयोजित की गई जिसमें 4.8 लाख नामांकित बच्चों में से 3.16 लाख बच्चों ने अपनी परीक्षा दी थी।

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    परंतु नियोजित शिक्षकों द्वारा समान काम के बदले समान वेतनमान की मांग को ले कर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कार्य का बहिष्कार की घोषणा की गई जिस कारण संकुल स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच तथा मूल्यांकन पंजी एवं प्रगति पत्रक में ग्रेड संधारण का काम 25 मार्च से 3 अप्रैल के बीच नहीं हो पाया।

    विभाग द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए कई बार पत्र के माध्यम से शिक्षकों को कड़े निर्देश दिए गए परंतु बात नहीं बन पाई। समय बीत गया। कापियां संकुल में धरी की धरी रह गई और जांच नहीं हो पाई। इसी दौरान नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत एक अप्रैल से कर दी गई।

    सभी बच्चों को बिना कॉपियों की जांच किए अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया गया। 3.16 लाख बच्चे अपना परीक्षाफल जाने बिना ही अगली कक्षाओं में प्रवेश कर गए। सरकार द्वारा विद्यालय स्तर पर 10 अप्रैल को प्रगति पत्रक वितरित करने का समय तय किया था। जहां अभिभावकों की उपस्थिति में बच्चों के ग्रेड तथा उनके शैक्षिक ज्ञान का आकलन होता परंतु सभी नियम और दिशा-निर्देश धरे के धरे रह गए।

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    जमुई जिले के 3.16 लाख बच्चे यूं ही अगली कक्षाओं में प्रमोट हो गए। ऐसी स्थिति में शैक्षिक व्यवस्था में सुधार की बात पूरी तरह से बेमानी लग रही है।

    परीक्षा में शामिल सभी बच्चों को पास होना है। इसलिए सभी को प्रमोट कर दिया गया। शिक्षक हड़ताल से ग्रेडिंग प्रक्रिया बाधित हुई है जिसे बाद में पूरा कर लिया जाएगा।

     सुरेन्द्र कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जमुई।

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