संक्रमण से बचें यूटरस रोग से रहें दूर : डॉ. सीमा
दरभंगा। महिलाओं में यूटरस की बीमारी आम बात हो गई है। यह रोग संक्रमण वैक्टेरियल और वायरस से होता है।
दरभंगा। महिलाओं में यूटरस की बीमारी आम बात हो गई है। यह रोग संक्रमण वैक्टेरियल और वायरस से होता है। संक्रमण व वैक्टेरियल फंग्स से होनेवाले यूटरस रोग के कई लक्षण होते हैं। यह संक्रमण अधिकांशत: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अधिक होता है। इसका कारण साफ-सफाई और जागरूकता का अभाव है। यह कहना है डीएमसीएच के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा प्रसाद का।
संक्रमण के लक्षण : इस रोग में अंदरूनी अंग से हल्का या चिपचिपा, पीलापन द्रव्य, द्रव्य के साथ खून, गंध युक्त द्रव्य निकलता है। अंदरूनी भाग में खुजली, सूजन, लाली आ जाना, पेरू में दर्द होता है। इसके साथ पेशाब में इंफेक्शन, बार बार पेशाब होना, जलन, आदि लक्षण शामिल है।
क्?या है वैक्टेरियल फंग्स
इसमें अवैध संबंध से वैक्टेरियल यूटरस रोग होता है। सेक्सुअल ट्रांसमिशन डीजिज से एचआईवी और कैंसर की भी संभावना रहती है। इसके बाद यह संक्रमण ट्यूब में भी फैल जाता है। इसके कारण महिला बांझपन का शिकार हो जाती हैं।
रोकथाम
अंदरूनी भाग की सफाई करें। अवैध संबंध से दूर रहें। मासिक धर्म के समय सेक्स से परहेज करें। सुरक्षित सेक्स के लिए कंडोम का इस्त माल करें। मासिक धर्म के समय नेपकीन का इस्तेमाल करें। साफ-सफाई के लिए महिलाओं के बीच जागरूकता अभियान चलाएं।
उपचार
यूटरस रोग के उपचार के लिए विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह लें। यूटरस में किस प्रकार का रोग है। इसका उपचार जांच रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाता है। अगर पत्नी को संक्रमण रोग हो गया है तो पति को भी इलाज कराना आवश्यक है। पत्नी संक्रमण रोग से मुक्त हो गई लेकिन, पति के संक्रमण का इलाज नहीं हुआ तो पत्नी में भी फिर से यह रोग होने की संभावना रहती है।