Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शराबबंदी के बाद टूट रहा है रोटी-बेटी का नाता

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 07 Mar 2017 11:49 PM (IST)

    बिहार में शराबबंदी के बाद झारखंड के संताली समुदाय के साथ व्यापारिक और वैवाहिक रिश्ते पर गहरा असर पड़ा है। अब न तो वे यहां काम करने आना चाहते हैं औ न ही रिश्ते तय कर रहे हैं।

    शराबबंदी के बाद टूट रहा है रोटी-बेटी का नाता

    बांका [बांका]। बिहार में शराबबंदी का संताली समुदाय के ताने-बाने पर गहरा असर पड़ा है। झारखंड के साथ इनके वैवाहिक और व्यापारिक रिश्ते कम हुए हैं। वर्षो से चले आ रोटी-बेटी का संबंध टूटने लगा है। झारखंड के लोग बिहार में शादी नहीं करना चाहते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद झारखंड से आए कई लोगों को बांका में जेल जाना पड़ा। पिछले माह ही गोड्डा से एक व्यक्ति बांका में अपनी ससुराल आ रहे थे। शराब के नशे में होने के कारण सीमा पर ही वे पकड़े गए। उन्हें जेल हो गई।ऐसे में संताली समुदाय के लोग बिहार में रिश्तेदारी से कतराने लगे हैं।

    यह भी पढ़ें:  तीन बेटियों पर खूब मिले ताने, पर दिनेश नहीं माने    

    बांका की 60 फीसद धान की खेती झारखंड के मजदूरों पर निर्भर है। हर साल यहां रबी के मौसम में बड़ी संख्या में झारखंड से मजदूर आते थे। ये धान की बुआई से लेकर इसे काटने तक का काम करते थे। अब झारखंड के मजदूर बांका आने से कतराने लगे हैं।

    जिले में 42,800 हेक्टेयर में फैले वन क्षेत्र में महुआ के काफी पेड़ हैं। संताली समुदाय के कई परिवारों की जीविका इसी पर थी। अभी बिहार में महुआ के खरीदार नहीं मिलते हैं। इस कारण आदिवासी लोग औन-पौन दाम पर इसे झारखंड के बाजार में बेचते हैं। मुखिया प्रवीण झा कहते हैं कि झारखंड को भी शराबबंदी लागू कर देनी चाहिए। इससे दोनों राज्यों के लोगों के बीच रिश्ते फिर से प्रगाढ़ होंगे।
    यह भी पढ़ें:  इतिहास बन जाएगा पीएमसीएच का हथुआ वार्ड व राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक