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    धर्म संसद तय करेगी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण: दत्तात्रेय

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 30 Mar 2017 08:19 PM (IST)

    आरएसएस के सदस्य दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि आचार्यों की धर्म संसद जो तय करेगी, संघ उस पर अमल करेगा। राम मंदिर का मुद्दा हिंदू भावना से जुड़ा है।

    धर्म संसद तय करेगी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण: दत्तात्रेय

    औरंगाबाद [जेएनएन]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बुधवार को औरंगाबाद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले पर चर्चा करते हुए कहा कि आचार्यों की धर्म संसद जो तय करेगी, संघ उस पर अमल करेगा। राम मंदिर का मुद्दा हिंदू भावना से जुड़ा है।

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    उन्होंने कहा कि धर्म संसद जो फैसला लेगी, संघ साथ रहेगा। राम मंदिर के आचार्य लोग जो निर्देश देंगे, उसका संघ आदर करेगा। होसबोले बुधवार को औरंगाबाद में हिंदू नववर्ष कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे।

    राम मंदिर से संबंधित प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रश्न का जवाब वे नहीं दे सकते हैं। यह बीजेपी वालों से पूछिए। मुझसे संघ के बारे में पूछिए तो मैं उत्तर दूंगा।

    योग किसी देश-धर्म का नहीं

     नववर्ष पर आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा निकाले गए पथ संचलन के बाद आयोजित कार्यक्रम में होसबोले ने कहा कि योग किसी देश या धर्म विशेष से नहीं जुड़ा है। यह सबका है। योग से शरीर स्वस्थ रहता है। जो योग करता है, योग उसका होता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर करीब 150 से अधिक देशों ने योग किया और प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं।

    भारत की संस्कृति उत्तम

     उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने दुनिया को बहुत कुछ दिया। 0 से 9 तक का अंक भारत ने ही दिया। इसे ¨हदू-अरैबिक अंक कहते हैं, क्योंकि खोज ¨हदुओं ने और प्रचार अरब ने किया। हमारे पूर्वजों ने चिकित्सा, विज्ञान आदि के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। हां इस क्षेत्र में हम और बेहतर कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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    युवाओं से राष्ट्र होगा मजबूत

    युवाओं के बल पर राष्ट्र मजबूत हो सकता है। युवाओं को मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ जब घर से निकले तो महात्मा बुद्ध बने। देश को शिखर पर पहुंचाने के लिए युवाओं को सोचना होगा। कहा कि हम जातिवाद में फंसे हैं। वेद युग में जातिवाद नहीं था।

    स्वयंसेवक ही संघ की मूल संपत्ति1968 में स्वयंसवेक बने होसबोले ने कहा कि आरएसएस की कोई संपत्ति नहीं है। स्वयंसेवक ही उसकी मूल संपत्ति है। संघ सबको साथ लेकर चलने की बात करता है। ¨हदू नववर्ष के अवसर पर संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया।

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