आरोप के बावजूद मिला प्रधान सहायक का प्रभार
जागरण प्रतिनिधि, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर पंचायत में गबन का आरोप झेल रहे मो. शफी कुरैशी को प्रधान सहायक का प्रभार दिए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। न जाने अकस्मात ऐसी क्या परिस्थिति आ गयी थी कि नरेन्द्र भगत से प्रभार वापस लेकर शफी को सौंपा गया। चर्चा है कि कुछ ऐसे काम निपटाये जाने थे जो शायद नरेन्द्र भगत नहीं कर रहे थे। अपने स्थानांतरण के समय ऐसा आदेश तब कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार ने दिया था। इसी बीच उपमुख्य पार्षद कौशलेन्द्र कुमार सिंह ने पिछली तिथि में काम कराने का आरोप लगाकर नपं कार्यालय में तालाबंदी किया था। मो. शफी का कार्यपालक पदाधिकारी को मई 13 में लिखा गया। पत्र मीडिया को उपलब्ध कराया गया है, जिसमें खुद शफी ने यह कहा था कि मेरे ऊपर तहसील का कार्य करने, डिमांड पंजी तैयार करने के दो मामले में एफआइआर हुआ है। डिमांड में छेड़छाड़ करने, गबन करने, पंजी को इधर से उधर करने का मामला न्यायालय में चल रहा है। ऐसी स्थिति में मेरा तहसील शाखा में कार्य करना तब तक उचित नहीं है जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आ जाता है। उन्होंने पत्र में कार्यपालक से तहसील शाखा छोड़कर दूसरा कार्य देने की मांग की थी। 3 महीने में राजनीतिक एवं प्रशासनिक आवश्यकताओं में पता नहीं किस तरह का बदलाव आ गया कि शफी को ही प्रधान सहायक का प्रभारी बना दिया गया। नागरिकों के बीच तरह तरह की चर्चा है। विपक्ष इसे अपनी तरह से समझा रहा है। उधर शनिवार को पहली बैठक करने वाले कार्यपालक पदाधिकारी सह डीसीएलआर मनोज कुमार के संज्ञान में यह मामला नहीं है। रविवार को उन्होने इस मामले पर सवाल पूछने पर कहा कि जिला मुख्यालय में आवश्यक सरकारी कार्य में है इसलिए बाद में मामले को देखकर कुछ कह सकते हैं।
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