पुतिन को मिला पीएम मोदी का न्योता, जल्द आएंगे भारत; रूस ने स्थगित किए वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बहुत जल्द भारत की यात्रा पर आएंगे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निमंत्रण मिल चुका है। यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन का पहला दौरा होगा। आखिरी बार पुतिन तीन साल पहले 6 दिसंबर 2021 को भारत की यात्रा पर आए थे। क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि अब पीएम मोदी और पुतिन हर साल मिलेंगे।

एएनआई/डिजिटल डेस्क, मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारत दौरे के लिए भेजा न्योता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिल गया है। पुतिन की भारत आने की तारीख वर्ष 2025 के शुरुआती दिनों की होंगी। क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि संभावित तारीखों की जानकारी साल के शुरुआत में दे दी जाएगी। यूरी उशाकोव ने भारत में रूसी दूतावास के हवाले से एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी कि पुतिन और पीएम मोदी ने एक समझौता किया है कि वह साल में एक बार मुलाकात जरूर करेंगे और इस बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे पर आने की बारी है।
युद्ध के बाद पुतिन का पहला भारत दौरा
यूरी उशाकोव ने कहा कि पीएम मोदी का निमंत्रण मिल गया है और हम निश्चित रूप से इसका सकारात्मक जवाब देंगे। बताया जा रहा है कि पुतिन के भारत दौरे की घोषणा से मॉस्को और नई दिल्ली के बीच प्रगाढ़ रिश्तों पर गरमाहट की नई परत चढ़ेगी। पिछली बार पुतिन 6 दिसंबर, 2021 को भारत आए थे। वर्ष 2022 में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यह पुतिन का पहला भारत दौरा होगा।
पुतिन ने स्थगित किए वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स
उधर, सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया है। इन खेलों का आयोजन इसी वर्ष किया जाना था। वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स को ओलंपिक के विकल्प के रूप में देखा जाता है। यूक्रेन पर हमले के बाद पेरिस ओलंपिक में रूस को बैन कर दिया गया था। इसके जवाब में ही रूस ने वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स की योजना बनाई थी। प्रतियोगिता का आयोजन येकातेरिनबर्ग में इसी साल सितंबर में होनी थी। मगर अब अगले साल तक स्थगित कर दिया गया है।
वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स पर क्या बोला यूक्रेन?
सोमवार को जारी आदेश में कहा गया कि वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स को रूसी राष्ट्रपति के आदेश पर स्थगित कर दिया गया है। उधर, रूस की इस प्रतियोगिता पर यूक्रेन ने कहा कि मॉस्को इस आयोजन का इस्तेमाल प्रचार के तौर पर करना चाहता था। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने रूस पर खेल का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा चुका है। उसने अन्य देशों से इस प्रतियोगिता में भाग न लेने की अपील भी की थी। 1980 के दशक में सोवियत संग वर्ल्ड फ्रेंडशिप गेम्स का आयोजन करता था। पिछले साल ही रूस ने इन खेलों को दोबारा शुरू होने की घोषणा की।
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