Russia-Ukraine War: नाटो के परमाणु बमों से खौफ में पुतिन, कहा- NATO की परमाणु क्षमता को नजरअंदाज नहीं कर सकता
पुतिन ने कहा कि रूस न्यू स्टार्ट संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है। यह संधि अमेरिका के साथ रूस का आखिरी बचा हुआ परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है।
मॉस्को, एपी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि रूस ने न केवल अमेरिकी परमाणु क्षमताओं के कारण बल्कि अन्य नाटो देशों की भागीदारी को निलंबित कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 'न्यू स्टार्ट' संधि में भागीदारी को निलंबित करने के अपने देश के हालिया फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि रूस के पास उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की परमाणु क्षमताओं पर गौर करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
पुतिन ने दोहराया कि रूस के अस्तित्व को खतरा है क्योंकि उनके अनुसार नाटो सदस्य, देश की 'रणनीतिक हार' देखना चाहते हैं। उन्होंने रूस के सरकारी टीवी को बताया कि रूस के लिए 'सुरक्षा, रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने' की आवश्यकता के कारण न्यू स्टार्ट की भागीदारी निलंबित करने का फैसला किया गया।
पुतिन ने की घोषणा
पुतिन ने पिछले मंगलवार को घोषणा की थी कि रूस न्यू स्टार्ट संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के विस्तार पर रोक लगाना है। यह संधि अमेरिका के साथ रूस का आखिरी बचा हुआ परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है। पुतिन ने यह भी घोषणा की थी कि वह यूक्रेन में युद्ध को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव नहीं करेंगे। इस घोषणा से पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका है।
बता दें न्यू स्टार्ट संधि पर 2010 में रूस और अमेरिका ने हस्ताक्षर किए थे। यह संधि दोनों देशों द्वारा तैनात किए जा सकने वाले लंबी दूरी के परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल के उपयोग को भी सीमित करती है। रविवार को प्रसारित इंटरव्यू में पुतिन ने आरोप लगाया कि नाटो यूक्रेन युद्ध में शामिल हो चुका है।
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