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अब यूक्रेन के किस इलाके पर है रूस की निगाह, जल्‍द खत्‍म नहीं होने वाला है ये युद्ध, मास्‍को ने दिया साफ संकेत

रूस और यूक्रेन युद्ध को 7 माह से अधिक समय हो गया है। रूस ने यूक्रेन के 4 प्रांतों को अपनी सीमा में शामिल करने के बाद एक बड़ा ऐलान किया है। रूस की निगाह अब यूक्रेन के दोनेत्‍सक पर लगी है।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaPublished: Sun, 02 Oct 2022 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 03:33 PM (IST)
अब यूक्रेन के किस इलाके पर है रूस की निगाह, जल्‍द खत्‍म नहीं होने वाला है ये युद्ध, मास्‍को ने दिया साफ संकेत
रूस ने अपनी मंशा को साफ कर दिया है।

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। रूस ने यूक्रेन के चार प्रांतों को अपनी सीमा में मिलाने के बाद जो ऐलान किया है वो इस युद्ध के जल्‍द खत्‍म न होने का सीधा संकेत दे रहा है। दरअसल, रूस का कहना है कि वो यूक्रेन के बड़े इलाके को अपने में मिलाएगा। रूस ने साफ कर दिया है कि उसकी निगाह अब डोनबस पर लगी हुई है। इस बयान के साथ रूस ने इस बात के भी साफ संकेत दे दिए हैं कि ये जंग जल्‍द नहीं रुकने वाली है। हालांकि रूस के इस कदम का लगभग पूरी दुनिया विरोध कर रही है। अमेरिका, पश्चिमी देश और संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भी रूस द्वारा यूक्रेन के चार प्रांतों को अपनी सीमा में शामिल करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

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इन चार प्रांतों को रूस ने अपनी सीमा में मिलाया

गौरतलब है कि रूस ने एक समारोह में यूक्रेन के चार प्रांतों को डोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिझिया को अपनी सीमा में मिलाने का ऐलान किया है। रूस का कहना है कि क्रीमिया को जोड़ने वाला जमीनी गलियारा इन्‍हीं प्रांतों से होकर जाता है। इस लिहाज से रूस ने इन प्रांतों की जीत का जश्‍न भी मनाया है।

बंदूकों के साए में जनमत संग्रह 

रूस ने ये भी कहा है कि यहां पर जनमत संग्रह के बाद ये फैसला लिया गया है। हालांकि ये जनमत संग्रह बंदूकों के साए में कराया गया है। अमेरिका, पश्चिमी देश और यूएन ने भी इस जनमत संग्रह को गलत बताया है। यूएन ने यहां तक कहा है कि रूस इस तरह से अंतरराष्‍ट्रीय नियमों की खुले आम धज्जियां उड़ा रहा है।

विद्रोहियों का गढ़ माने जाते थे ये इलाके 

आपको बता दें कि वर्ष दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसान और जापोरिझिया को यूक्रेन के विरोधियों का गढ़ माना जाता रहा है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन हमेशा से ही यहां के लोगों के हकों को मारने काम करता रहा है। यूक्रेन ने कभी भी इन प्रांतों में रहने वाले लोगों के हित के लिए काम नहीं किया बल्कि यहां पर मानवाधिकार उल्‍लंघन करने का काम किया है। रूस ने ये भी साफ कर दिया है कि यदि यूक्रेन ने इन प्रांतों पर हमला किया तो इसको रूस पर हमला माना जाएगा।

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