चेचन नेता रमजान कादिरोव का खतरनाक बयान, कहा- यूक्रेन में करें कम क्षमता वाले परमाणु हथियार का उपयोग
रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार है। उन्हें विरोधी सेनाओं के खिलाफ तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव सहित अन्य पुतिन सहयोगियों ने सुझाव दिया है कि रूस को परमाणु हथियारों का सहारा लेने की आवश्यकता हो सकती है।
लंदन, रायटर। रूस के चेचन्या क्षेत्र के प्रमुख रमजान कादिरोव ने शनिवार को कहा कि लड़ाई में एक मोर्चे पर हुई हार के बाद मास्को को यूक्रेन में कम तीव्रता वाले परमाणु हथियार का प्रयोग करने पर विचार करना चाहिए। रूस ने पूर्वी यूक्रेन में लायमैन में अपनी हार की पुष्टि की है। कादिरोव ने विफलता के लिए शीर्ष कमांडर की निंदा की है और टेलीग्राम पर लिखा है कि मेरे निजी विचार से और नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाए जाने चाहिए। सीमा क्षेत्रों में मार्शल ला की घोषणा की जाए और कम तीव्रता वाले परमाणु हथियार का प्रयोग किया जाना चाहिए।
वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक दिन बाद बोल रहे थे, जब उन्होंने डोनेट्स्क समेत चार यूक्रेनी क्षेत्रों में कब्जे की घोषणा की थी। यूक्रेन के चार क्षेत्रों में जनमत संग्रह के बाद उन्हें रूस में शामिल कर लिया गया। जिसकी पश्चिमी देशों ने निंदा की। इन चार क्षेत्रों को रूस की परमाणु क्षमता से लैस रख गया है। पुतिन ने कहा कि मास्को अपनी पूरी ताकत के साथ कब्जा की गई भूमि की रक्षा की में सक्षम है।
पुतिन के सहयोगियों ने दिया परमाणु हथियारों के उपयोग का सुझाव
रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार है, जिसमें कम क्षमता वाले सामरिक परमाणु हथियार शामिल हैं। उन्हें विरोधी सेनाओं के खिलाफ तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव सहित अन्य शीर्ष पुतिन सहयोगियों ने सुझाव दिया है कि रूस को परमाणु हथियारों का सहारा लेने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन कादिरोव का आह्वान सबसे जरूरी और स्पष्ट था।
चेचन्या के काकेशस क्षेत्र का प्रभावशाली शासक यूक्रेन में युद्ध के मुखर चैंपियन रहे है, जिसमें चेचन सेना यूक्रेन में रूसी सेना का प्रमुख हिस्सा है। अपने संदेश में यूक्रेन में लड़ाई लड़ रहे उन्होंने कर्नल-जनरल अलेक्जेंडर लापिन, रूसी सेना के कमांडर को एक औसत दर्जे का सैनिक कहा।
परमाणु हमले की आशंका नहीं
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिका का कहना है कि उसे फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, जिससे लगे कि रूस परमाणु हमला करने वाला है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति पुतिन बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं। लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं है, जिससे लगे कि रूस यह कदम उठाने जा रहा है। उन्होंने पुतिन के बयानों को लापरवाही की हद बताया।
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