संयुक्त राष्ट्र में ट्रंप का तोता बने शहबाज शरीफ, ऑपरेशन सिंदूर पर सुनाई झूठी कहानी; अब भारत ने दिया जवाब
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शहबाज ने ट्रंप के मन की बात कही और भारत को निशाने पर रखा। शहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ में कशीदे कढ़े और उनको शांति दूत करार दिया। यह भी याद दिलाई कि भारत के साथ संघर्ष के बाद दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने में उनके योगदान के लिए पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था।

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले तीन महीनों में दूसरी बार गुरुवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर से मुलाकात की। हालांकि, मुलाकात से पहले ट्रंप ने दोनों को एक घंटे तक इंतजार कराया।
शहबाज ने ट्रंप को शांतिदूत कहा
यह और बात है कि इस मुलाकात के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शहबाज ने ट्रंप के मन की बात कही और भारत को निशाने पर रखा। शहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ में कशीदे कढ़े और उनको शांति दूत करार दिया। यह भी याद दिलाई कि भारत के साथ संघर्ष के बाद दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने में उनके योगदान के लिए पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था।
शरीफ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया
प्रेट्र के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो पाकिस्तान मजबूत स्थिति में था, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण उसने संघर्ष विराम पर सहमति जता दी। मुझे लगता है कि वह सच में शांति दूत हैं।
ट्रंप की कोशिशों से दक्षिण एशिया में खतरनाक युद्ध को रोका जा सका। अगर उन्होंने समय पर और निर्णायक रूप से हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो बड़े पैमाने पर युद्ध का परिणाम विनाशकारी होता।
शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा भी उठाया
हर साल की तरह शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा भी उठाया। कहा कि पाकिस्तान के लोग कश्मीर की जनता के साथ हैं और कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में निष्पक्ष जनमत संग्रह के जरिये आत्म-निर्णय का अधिकार मिलेगा। पाकिस्तानी नेता ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के भारत के फैसले का भी जिक्र किया। कहा कि हमारे लिए सिंधु जल संधि का कोई भी उल्लंघन युद्ध की कार्रवाई है।
भारत ने उठाए सवाल
एएनआइ के अनुसार, शहबाज शरीफ ने भारत पर ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया। हालांकि, सीमा पार आतंकवाद की फंडिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे पर वह चुप रहे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।
शहबाज के भाषण में कोई सुबूत नहीं था, बल्कि पाकिस्तान की जीत का दावा करने वाले खोखले बयान थे। उन्होंने कहा कि इस साल मई में हमारे देश पर बिना किसी उकसावे के हमला हुआ। दुश्मन घमंड से आया था और हमने उसे शर्मिंदगी के साथ वापस भेजा। उन्होंने एक बार फिर भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का झूठा दावा किया।
शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के साथ ट्रंप की मुलाकात पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई खास टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अमेरिका व पाकिस्तान के बीच बढ़ रही इन नजदीकियों पर सतर्कता के साथ नजर रखी जा रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था-दो देशों के नेताओं के बीच होने वाली मुलाकातों के बारे में उन्हीं देशों से पूछा जाना चाहिए। लेकिन, हम उन सभी बैठकों पर नजर रखते हैं जो हमारे हितों को प्रभावित करने से जुड़े होते हैं।
बैठक की तस्वीर-वीडियो जारी नहीं
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मुलाकात के बाद न तो कोई प्रेस कान्फ्रेंस हुई और न ही व्हाइट हाउस की तरफ से तस्वीर या वीडियो जारी किया गया।
शरीफ और मुनीर जब व्हाइट हाउस पहुंचे तो उस समय ट्रंप कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने में व्यस्त रहे। आमतौर पर व्हाइट हाउस अमेरिकी राष्ट्रपति की विदेशी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों की तस्वीरें और वीडियो जारी करके प्रोटोकॉल का पालन करता है।
इमरान खान ने ट्रंप से की थी मुलाकात
मुलाकात की जानकारी पाकिस्तान की सरकार की तरफ से दी गई है। शहबाज शरीफ व्हाइट हाउस आने वाले छह साल में पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले जुलाई, 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप से उनके पहले कार्यकाल में मुलाकात की थी।
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