पाकिस्तान का दावा, जिंदा है जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर
पंजाब (पाकिस्तान) के मंत्री फैय्याज उल हसन चौहान ने कहा कि मौलाना मसूद अजहर जिंदा है। हमारे पास उसके मौत की कोई जानकारी नहीं है।
इस्लामाबाद (एएनआई)। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के मारे जाने की खबरों को पाकिस्तान ने एक बार फिर खारिज किया है। पंजाब (पाकिस्तान) के मंत्री फैय्याज उल हसन चौहान ने कहा कि मौलाना मसूद अजहर जिंदा है। हमारे पास उसके मौत की कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि रविवार को मसूद के मारे जाने की खबर वायरल हुई थी। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने भी इस रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक में वह मारा गया।
मसूद की मौत की खबरों को जांच रहीं खुफिया एजेंसियां
भारत की खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि जैश चीफ अजहर की मौत की खबरों में कितनी सच्चाई है। एक अधिकारी ने बताया कि वह आर्मी के अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा है, इसके अलावा हमारे पास कोई सूचना नहीं है।
मसूद के भाई का ऑडियो वायरल
अजहर का भाई अम्मार एक ऑडियो में कह रहा है कि भारतीय सेनाओं ने मजहबी तालीम देने वाले संस्थानों को निशाना बनाया। यहां प्रशिक्षण पाने वाले दिनभर जिहाद के सिद्धांत को समझते थे। यहां तालीम पाने वाले लोग कश्मीर के मुसलमानों की मदद को अपना फर्ज समझते थे और वहां की मां-बहनों के दर्द को अपना दर्द समझते थे। उसने (भारत) हमारे मुल्क में घुसकर हमला किया। ऐसा करके उसने खुद ही हमारे मुल्क के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।
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आर्मी अस्पताल में है मसूद अजहर: रिपोर्ट
पिछले दिनों पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कबूला था कि अजहर उनके देश में है और बेहद बीमार है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि अजहर रावलपिंडी में आर्मी के अस्पताल में इलाज करा रहा है। भारतीय अफसरों के मुताबिक, मसूद की किडनी खराब है।
संसद, पठानकोट और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड
मसूद अजहर ने भारत में सबसे ज्यादा खतरनाक आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। 2001 में संसद हमले, 2008 में मुंबई हमले, 2016 में पठानकोट एयरबेस और 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ हमले के पीछे मसूद अजहर का हाथ है।
1994 में भारत में गिरफ्तार हुआ था अजहर मसूद
जैश सरगना मसूद अजहर को अनंतनाग से फरवरी 1994 में गिरफ्तार किया गया था। 1994 में अजहर पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था। इसके बाद वो कश्मीर पहुंचा। हालांकि, 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद यात्रियों की सलामती के ऐवज में अजहर को तत्कालीन भाजपा सरकार ने छोड़ दिया था।
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