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कहीं मसूद अजहर की मौत की 'झूठी खबर' उड़ाकर बड़ा गेम तो नहीं खेल रहा पाकिस्तान

Maulana Masood Azhar Death News Jaish e Mohammad chief आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्‍मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर की मौत हो गई है। सूत्रों के अनुसार यह जानकारी मिली है लेकिन पाकिस्‍तान ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 05:49 PM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 12:40 PM (IST)
कहीं मसूद अजहर की मौत की 'झूठी खबर' उड़ाकर बड़ा गेम तो नहीं खेल रहा पाकिस्तान
कहीं मसूद अजहर की मौत की 'झूठी खबर' उड़ाकर बड़ा गेम तो नहीं खेल रहा पाकिस्तान

नीलू रंजन/जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। Maulana Masood Azhar Death News जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर की मौत की अटकलों का बाजार गर्म है। पाकिस्तान से आ रही खबरों के मुताबिक आतंकी सरगना की मौत की दो अलग-अलग वजहों का दावा किया जा रहा है। अब खबरें मसूद अजहर के जिंदा होने की भी मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि इस खूंखार आतंकवादी को किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि कहीं मसूद अजहर की मौत की 'झूठी' खबर पाकिस्तान ने ही खुद तो नहीं उड़ाई। क्योंकि ऐसा करने से उसे फायदा होगा।

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एक ओर उसे भारतीय वायुसेना के बालाकोट हमले में गंभीर रूप से घायल होने और फिर मौत होने का दावा किया जा है, तो दूसरी ओर किडनी फेल होने या फिर लीवर कैंसर के मौत की बात कही जा रही है। लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पुलवामा हमले के बाद बने दबाव से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए यह पाकिस्तान की नई चाल भी हो सकती है।

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मसूद अजहर के बारे में पाकिस्तान से अलग-अलग तरह की सूचना आ रही है। लेकिन स्वतंत्र रूप से किसी की पुष्टि नहीं हुई है। बालाकोट में एयर स्ट्राइक के दो दिन बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मसूद अजहर के पाकिस्तान में होने और गंभीर रूप से बीमार होने का खुलासा किया था।

इससे इस आशंका को बल मिलता है कि एयर स्ट्राइक में सचमुच में आतंकी सरगना गंभीर रूप से घायल हुआ होगा। इसे सीधे तौर पर नकारा नहीं जा सकता है। वैसे एयर स्ट्राइक में मसूद अजहर की मौत से पाकिस्तान पोषित आतंकियों के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ता।

शायद यही कारण है कि बाद में यह खबर आनी शुरू हो गई कि अजहर मसूद की किडनी फेल हो गई है और वह डायलिसिस पर है। इसके साथ ही लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की बात कही गई, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक स्वतंत्र रूप से किसी भी दावे की पुष्टि नहीं हुई है।

भारतीय एजेंसियों का मानना है कि मसूद अजहर की बीमारी और मौत की खबर पाकिस्तान की नई चाल हो सकती है। दरअसल मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया है।

माना जा रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार शायद चीन मसूद को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल करने से बचे। इसके साथ ही भारत भी पुलवामा हमले के बाद मसूद अजहर के खिलाफ साफ-साफ दिखने वाली कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ा है। ऐसे में मसूद अजहर की मौत की झूठी खबर फैलाकर पाकिस्तान एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश कर सकता है। जैश ए मुहम्मद को पहले ही पाकिस्तान ने प्रतिबंधित सूची में डाल रखा है।

अजहर मसूद की मौत के बाद उस पर कार्रवाई का दबाव भी पाकिस्तान पर से हट जाएगा। दरअसल पाकिस्तान पहले ओसामा बिन लादेन को लेकर इसी तरह का झूठ बोल चुका है। 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने जब ओसामा बिन लादेन की खोज शुरू की तो पाकिस्तान की ओर से झूठ फैलाया गया कि लादेन किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित है और तोरा-बोरा की पहाड़ियों में कहीं छिपा है।

यही नहीं, राष्ट्रपति के रूप में परवेज मुशर्रफ ने तो यहां तक कह दिया कि लादेन की गंभीर बीमारी के कारण मौत की भी आशंका है। लेकिन इसके कई सालों बाद सच्चाई सामने आई कि ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में पाकिस्तान सेना के मुख्यालय के नजदीक बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित अपनी बीबी और बच्चों के साथ रह रहा था।

पाक सरकार का दावा, मसूद की मौत पर कोई जानकारी नहीं
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर की मौत पर फिलहाल कोई जानकारी न होने की बात कही है। रविवार को देर रात तक पाकिस्तान सरकार की ओर से 50 वर्षीय आतंकी मसूद अजहर के जीवित या मृत होने के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी जा रही है।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर का रहने वाला मसूद मीडिया रिपोर्टो में मारा जा चुका बताया जा रहा है। हालांकि पाकिस्तान के एक चैनल जीओ उर्दू के मसूद अजहर के परिवार के नजदीकी एक अनाम सूत्र के हवाले से बताया कि वह जिंदा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसके मारे जाने की खबरें झूठी हैं। 

अजहर के भाई अम्मार ने माना भारी नुकसान हुआ
पाकिस्तान भले ही हवाई हमले से कोई नुकसान नहीं होने का दावा कर रहा हो, लेकिन मौलाना मसूद के भाई मौलाना अम्मार के शनिवार को आए वीडियो क्लिप में वह कबूल कर रहा है कि भारी नुकसान हुआ है। यह वीडियो क्लिप पेशावर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम की है, जो कि भारत के हवाई हमले के बाद हुआ था।

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर ओसामा बिन लादेन का करीबी रह चुका है, जो कई अफ्रीकी देशों में आतंक का प्रेरक रहा है और कई पाकिस्तानी मौलवियों को ब्रिटेन की मस्जिदों में धार्मिक प्रवचन के जरिए जिहाद के लिए प्रेरित किया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। 

50 वर्षीय प्रभावशाली और मास्टरमाइंड आतंकी का प्रभाव इतना बड़ा था कि जब वह 31 दिसंबर, 1999 को कंधार में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को मुक्त करने के बदले में भारत द्वारा रिहा किया गया तो ओसामा बिन लादेन ने उसी रात भोज की मेजबानी की। भोज में लादेन ने याद दिलाया कि 1993 में उन्होंने और अजहर ने पहली बार एक साथ काम किया था।

अजहर को 1994 में जम्मू-कश्मीर में जिहाद का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।  अजहर की ब्रि‍टिश भर्तियों में से आतंकी समूह हरकत-उल-अंसार (HuA) के सदस्य के रूप में उमर शेख ने उसकी रिहाई के लिए 1994 में भारत में चार पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया था। अजहर की रिहाई के लिए 1995 में फिर से पांच पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अंततः उन्‍हें भी मार डाला गया। 

अजहर की रिहाई के लगभग तुरंत बाद जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया गया और इसने अप्रैल 2000 में जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर में बादामी बाग छावनी पर आत्‍मघाती हमला किया गया था। 24 वर्षीय आत्‍मघाती हमलावर आसिफ सादिक था जो अजहर की शुरुआती भर्ती और बर्मिंघम के छात्रों में से एक था।

इस समय अजहर ने कई अल-कायदा के रंगरूटों का उपयोग करना शुरू कर दिया। 1979-1989 में सोवियत-अफगान युद्ध में घायल होने के बाद उसे आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार के प्रेरणा विभाग के प्रमुख के रूप में चुना गया था। 

1990 के दशक की शुरुआत में अजहर हरकत-उल-अंसार का महासचिव बन गया और संगठन में भर्ती करने, धन जुटाने और इस्लामाबाद के संदेश को फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्थानों का दौरा किया। उनके आधिकारिक ठिकानों में जाम्बिया, अबूधाबी, सऊदी अरब, मंगोलिया, यूनाइटेड किंगडम और अल्बानिया शामिल थे। वह 1993 में सोमालिया के एक अलकायदा सहयोगी से मिलने के लिए केन्या गया और अगस्त 1993 में अजहर ने जिहाद के संदेश के साथ, निधि-स्थापना और भर्ती यात्रा के लिए ब्रिटेन में प्रवेश किया।

अजहर ने ब्रिटेन में उन लोगों के साथ संपर्क बनाया, जिन्होंने आतंकी संगठनों में प्रशिक्षण के लिए भूखंड और रसद सहायता प्रदान की। जनवरी 1993 में मसूद अजहर ने भारत में अफगानी घुसपैठ बढ़ाने के लिए एक आतंकी नेता सज्जाद अफगानी के साथ बांग्लादेश का दौरा किया। अजहर हरकत-उल-मुजाहिदीन या हरकत-उल-अंसार का हिस्सा था, जब उसे 1994 में भारत में नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।  

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