भुगतान संकट के चलते पाकिस्तान में बिजली संयंत्र का काम रुका, चीनी कंपनी ने परियोजना से खींचे हाथ
पाकिस्तान की नीलम झेलम पनबिजली परियोजना खतरे में है। भुगतान संकट के चलते चीन ने इस परियोजना से हाथ खींच लिए हैं और वहां पर काम धीमा पड़ गया है। यह जानकारी एशियन लाइट इंटरनेशनल अखबार ने दी है।

इस्लामाबाद, एएनआइ: पाकिस्तान की नीलम झेलम पनबिजली परियोजना खतरे में है। भुगतान संकट के चलते चीन ने इस परियोजना से हाथ खींच लिए हैं और वहां पर काम धीमा पड़ गया है। यह जानकारी एशियन लाइट इंटरनेशनल अखबार ने दी है। 969 मेगावाट की इस परियोजना से अप्रैल 2018 में बिजली का उत्पादन शुरू हुआ था। लेकिन जुलाई 2022 में उत्पादन ठप हो गया। इसका कारण 68 किलोमीटर लंबी सुरंगों में रुकावट पैदा हो जाना था। इसके बाद चीन की कंपनी इस परियोजना से बिजली उत्पादन के कार्य में जुटी लेकिन भुगतान के संकट के चलते बाद में उसने हाथ खींच लिये। इतना ही नहीं चश्मा परमाणु बिजलीघर परियोजना की नई इकाई का कार्य भी बीच में लटक गया है। पाकिस्तान सरकार ने उसके लिए भुगतान की गारंटी देने से इनकार कर दिया है।
डेमोक्रेसी इंडेक्स में पाकिस्तान 107 वें स्थान पर
इकोनोमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट्स (ईआइयू) के डेमोक्रेसी इंडेक्स 2022 में पाकिस्तान 107 वें स्थान पर है। लोकतंत्र के लिए आवश्यक मानकों के आधार पर यह आकलन दुनिया के 167 देशों में हुआ है। पाकिस्तान के नजदीक 106 नंबर पर कोट डीआइवरी और 108 वें स्थान पर मौरिटेनिया जैसे अल्पज्ञात देश हैं। पाकिस्तान और इंडेक्स में इसके आसपास के देशों में हाइब्रिड (मिली-जुली) सरकारें मानी गई हैं। इस तरह की सरकारों में सेना, कट्टरपंथी संगठनों, गैरकानूनी कार्य करने वाले संगठनों का भारी हस्तक्षेप होता है। इस सरकार के निर्णयों में इन सभी संगठनों की छाप दिखाई देती है और यह लोक कल्याण की भावना से दूर होती है।
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