आतंकी संगठन TRF को PAK का खुला समर्थन, विदेश मंत्री बोले- पहलगाम हमले में शामिल होने के सबूत दिखाएं
अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के बाद पाकिस्तान ने खुले तौर पर इसका समर्थन किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में TRF का उल्लेख रोकने के लिए हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीआरएफ को अवैध नहीं मानता और पहलगाम हमले में उसकी जिम्मेदारी के सबूत मांगता है। जयशंकर ने अमेरिका के फैसले का स्वागत किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने गत दिनों द रेजिस्टेंस फ्रंट को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया। ट्रंप के साथ करीबी बढ़ा रहे पाकिस्तान को इस झटके का अंदेशा नहीं था। इस बीच पाकिस्तान ने खुले तौर पर इस आतंकी संगठन का समर्थन किया है।
दरअसल, पाकिस्तानी संसद में एक भाषण के दौरान विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में, पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में टीआरएफ का उल्लेख रोकने के लिए हस्तक्षेप किया।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने किया TRF का खुला समर्थन
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में टीआरएफ के उल्लेख का विरोध किया। मुझे दुनिया भर से फ़ोन आए, लेकिन पाकिस्तान ने इसे स्वीकार नहीं किया।
गौरतलब है कि TRF एक पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूह है जिसका संबंध जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले से है। यह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रतिनिधि भी है।
'हम TRF को अवैध नहीं मानते'
इशाक डार ने कहा कि हम टीआरएफ को अवैध नहीं मानते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमें सबूत दिखाइये कि टीआरएफ ने ही कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला किया। टीआरएफ की जिम्मेदारी साबित कीजिए। हम इस आरोप को स्वीकार नहीं करेंगे।
अमेरिका ने TRF को घोषित किया विदेशी आतंकी संगठन
जानकारी दें कि गत दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में बताया कि टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया जाएगा और उस पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिका के इस फैसले से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है।
इतना ही नहीं अपने बयान में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पहलगाम हमले से टीआरएफ का संबंध जोड़ते हुए इसे 2008 के बाद से भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला बताया।
जयशंकर ने अमेरिका के फैसले का किया स्वागत
उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, इस कदम को भारत- अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग की मजबूत पुष्टि बताया है।
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