'अमेरिका ने कराया सीजफायर', व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद शहबाज ने ट्रंप के दावे को दोहराया
पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ युद्धविराम कराने में अमेरिका ने मदद की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत में यह बात सामने आई। पाकिस्तान ने ट्रंप के नेतृत्व की सराहना की और उन्हें पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने हाल ही में माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ युद्धविराम कराने में अमेरिका ने उसकी मदद की थी। पाकिस्तान के मुताबिक, शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जो बातचीत की, उससे पता चलता है कि अमेरिकी नेता ने युद्धविराम की पहल में अहम भूमिका निभाई थी।
पाकिस्तानी बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर ने आज ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान-भारत युद्धविराम को संभव बनाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साहसिक, साहसी और निर्णायक नेतृत्व की सराहना की और गाजा में संघर्ष को तत्काल समाप्त करने और मध्य पूर्व में शांति बहाल करने के प्रयासों में प्रमुख मुस्लिम विश्व नेताओं को आमंत्रित करने की उनकी पहल की सराहना की।"
'ट्रंप को दिया पाकिस्तान आने का निमंत्रण'
पाकिस्तानी बयान में कहा गया है, "नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रमुख क्षेत्रों में अमेरिकी निवेश को आमंत्रित किया और सुरक्षा एवं खुफिया सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप को अपनी सुविधानुसार पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा करने का हार्दिक निमंत्रण भी दिया।"
भारत कर चुका है दावे का खंडन
भारत ने कई बार इन दावों का खंडन किया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवाद और सैन्य बुनियादी ढांचे पर हवाई हमलों के बाद संघर्ष विराम कराने में ट्रंप का हाथ था। युद्ध विराम के पहले दिन से ही भारत ने हमेशा यही कहा है कि यह पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी ही थे जिन्होंने शांति स्थापित करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया था।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए दावा कर रहे हैं कि वह उन कारणों में से एक थे, जिनकी वजह से दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों ने युद्ध विराम पर सहमति जताई और तनाव को बढ़ने से रोका।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।