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    अपराधी या हिंदू, कौन था अमृत मंडल? जिसकी बांग्लादेश में पीट-पीटकर हुई हत्या

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 01:04 PM (IST)

    बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक, अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना साम्प्रदायिक नहीं थी, बल्कि जबरन वसूली से जुड़ी थी। अ ...और पढ़ें

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    कौन था अमृत मंडल?

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदूओं के लेकर जारी हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है। बांग्लादेश में हिंदूओं पर लगातार हो रहे प्रताड़ना से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं। हाल ही में मयमनसिंह में हिंदू युवकर दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या के बाद एक और हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया है।

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    बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के चलते मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बार-बार आलोचना का शिकार हो रही है। हालांकि, अंतरिम सरकार खुद हिंसा की निंदा करते हुए दावा कर रही है कि हिंसा में सांप्रदायिक पहलू नहीं था।

    दीपू चंद्र दास के बाद अमृत मंडल की हत्या

    बांग्लादेश के मयमनसिंह में हिंदू युवकर दीपू चंद्र दास के बाद अब राजबारी जिले में बुधवार रात 11 बजे पांग्शा उपजिला के होसैंडांगा पुराने बाजार में 29 वर्षीय अमृत मंडल उर्फ सम्राट की स्थानीय लोगों के एक समूह ने हत्या कर दी।

    पुलिस ने यह स्प्षट किया है कि इस घटना का सांप्रदायिक हिंसा से कोई संबंध नहीं है। बल्कि, यह जबरन वसूली और आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न हिंसक स्थिति का परिणाम है। मृतक अमृत मंडल उर्फ सम्राट एक कुख्यात अपराधी था जो जबरन वसूली की रकम वसूलने के इरादे से इलाके में आया था। एक समय पर, उग्र निवासियों के साथ झड़प के दौरान उसकी जान चली गई। आरोप है कि अमृत मंडल कई गंभीर मामलों में आरोपी था।

    कौन है अमृत मंडल?

    बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमृत मंडल राजबारी के पांगशा इलाके के होसेनडांगा गांव का निवासी था। पुलिस का दावा है कि वह तथाकथित सम्राट वाहिनी नामक समूह का मुखिया था, जिसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। मंडल का समूह कथित तौर पर धमकी देने और सुनियोजित तरीके से जबरन वसूली सहित गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल था। पुलिस के अनुसार, अमृत मंडल पर हत्या सहित कम से कम दो मामले दर्ज थे।

    क्यों हुई हत्या?

    द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटना वाले दिन मोंडल को स्थानीय लोगों ने पीट दिया था, जब उसने अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलकर एक निवासी के घर से पैसे वसूलने की कोशिश की थी। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर हालात में बचाया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने सुबह करीब 2:00 बजे मृत घोषित कर दिया।

    घटना के बाद उसके ज्यादातर साथी भाग गए, लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से हथियार बरामद किए। पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां की हैं।

    सांप्रदायिक हमला नहीं

    अंतरिम सरकार ने एक बयान में कहा कि यह घटना सांप्रदायिक हमला नहीं थी, बल्कि जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों से उत्पन्न हिंसक स्थिति का परिणाम थी। इस घटना को लेकर अंतरिम सरकार का कहना है कि वह किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों, सामूहिक मारपीट या हिंसा का समर्थन नहीं करती है।

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