यूक्रेन को इसी महीने अत्याधुनिक अब्राम्स टैंक देगा अमेरिका, नाटो के रुख से युद्ध के और भीषण होने के आसार
यूक्रेन को इसी महीने मिलेंगे अत्याधुनिक अमेरिकी अब्राम्स टैंक मिलेंगे। इसके साथ ही लैपर्ड टैंकों की मरम्मत के लिए जर्मनी पोलैंड में कार्यशाला बनाएगा। वहीं नाटो के रुख से यूक्रेन युद्ध के और भीषण होने के आसार नजर आ रहे हैं।

बर्लिन, रायटर। यूक्रेन युद्ध के 14 महीने होने पर अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर हमले बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए यूक्रेन को बड़ी संख्या में टैंक और अन्य हथियार देने पर विचार के लिए शुक्रवार को जर्मनी के राम्सटीन वायुसेना अड्डे पर नाटो के सदस्य देशों के मंत्रियों-अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में अमेरिका ने अपने मुख्य युद्धक टैंक अब्राम्स के संचालन के लिए जल्द यूक्रेनी सैनिकों का प्रशिक्षण शुरू करने की घोषणा की, जबकि जर्मनी ने लेपर्ड टैंकों की मरम्मत के लिए पोलैंड में कार्यशाला स्थापित करने की घोषणा की।
यूक्रेन को सिल्वर बुलेट नहीं देगा अमेरिका
बैठक में अमेरिका के सर्वोच्च सैन्य कमांडर जनरल मार्क मिली ने साफ कर दिया कि अमेरिका अपना मुख्य टैंक यूक्रेन को देगा, लेकिन उसमें उपयोग होने वाली घातक सिल्वर बुलेट नहीं देगा। अमेरिका अब्राम्स टैंक में इस्तेमाल होने वाले साधारण गोले देगा। अमेरिका का दावा है कि उसका अब्राम्स एम वन ए टू टैंक दुनिया का सबसे उन्नत टैंक है।
यूक्रेनी सैनिकों को किया जाएगा प्रशिक्षित
जर्मनी में मौजूद अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने बताया कि कुछ ही हफ्तों में अब्राम्स टैंक यूक्रेन पहुंचने शुरू हो जाएंगे। कुछ हफ्ते उनके संचालन के लिए यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उसके बाद टैंकों को उपयोग के लिए यूक्रेन की सेना के हवाले कर दिया जाएगा।
31 अब्राम्स टैंक यूक्रेन को देगा अमेरिका
अमेरिका ने काफी हिचक के बाद जनवरी में यूक्रेन को 31 अब्राम्स टैंक देने की घोषणा की थी। यूक्रेन लंबे समय से अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों से लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों की मांग कर रहा है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम दिया है।
जी-7 देश रूस पर पूर्ण निर्यात प्रतिबंध लगाने की तैयारी में
अमेरिका सहित सभी प्रमुख पश्चिमी देश रूस को निर्यात होने वाले सामान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। जी-7 देश इस विषय में जल्द ही बैठक कर औपचारिक निर्णय ले सकते हैं। जापान की क्योडो न्यूज एजेंसी ने जापान सरकार के उच्च स्तरीय सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। जापान भी जी-7 का सदस्य है। अन्य सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और इटली हैं। रूस ने भी इस आशय के प्राप्त संकेतों के बाद कहा है कि वह सूचनाओं की समीक्षा कर रहा है और उनके अनुसार रणनीति तैयार कर रहा है। अगर पश्चिमी देशों ने यह कदम उठाया तो विश्व में जरूरी वस्तुओं का संकट खड़ा हो जाएगा।
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