UN में तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने फिर अलापा कश्मीर राग, भारत-पाक सीजफायर को लेकर क्या बोले?
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए एक साथ काम करना चाहिए और कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर बातचीत से होना चाहिए। उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का स्वागत किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर का पुराना राग अलापा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच हाल के महीनों में हुए संघर्ष के बाद सीजफायर से वह खुश हैं।
एर्दोगन ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे के साथ होना जरूरी है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के रिज्युलेशन के आधार पर, कश्मीर में हमारे भाइयों और बहनों के सर्वोत्तम हित में, बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए।"
'शांति और स्थिरता हम लिए सबसे जरूरी'
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में आम बहस में अपने संबोधन में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, "साउथ एशिया में हम अमन और स्थिरता को सर्वोपरि मानते हैं। पिछले अप्रैल में पाकिस्तान और भारत के बीच हुए तनाव के बाद हुए युद्धविराम से हम खुश हैं, जो तनाव बढ़कर संघर्ष में बदल गया था।"
हाल के सालों में एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाई लेवल सेशन में विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कश्मीर मुद्दे का जिक्र कई बार किया है।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं थी। बाद में पाकिस्तान की अपील के बाद सीजफायर हुआ था।
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