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    ट्रंप के मंत्री बोले- भारत के खिलाफ उठाए गए कदमों को 'सुधारने' की उम्मीद; ईरान का परमाणु मुद्दे पर कही ये बात

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 24 Sep 2025 07:16 AM (IST)

    रूबियो ने मंगलवार को एनबीसी टुडे के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि यूरोप के लिए भी प्रतिबंध लगाना महत्वपूर्ण है। इस समय यूरोप में कुछ देश हैं जो अभी भी रूस से भारी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस खरीद रहे हैं जो कि हास्यास्पद है। मेरा मतलब है कि वे अमेरिका से अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।

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    रूबियो बोले- भारत के खिलाफ उठाए गए कदमों को 'सुधारने' की उम्मीद

     पीटीआई, न्यूयॉर्क। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को उम्मीद है कि वह भारत द्वारा रूस से तेल खरीद के संबंध में उठाए गए ''कदमों'' को ''सुधार'' लेगा।

    रूबियो ने मंगलवार को एनबीसी टुडे के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि यूरोप के लिए भी प्रतिबंध लगाना महत्वपूर्ण है। इस समय, यूरोप में कुछ देश हैं जो अभी भी रूस से भारी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस खरीद रहे हैं, जो कि हास्यास्पद है। मेरा मतलब है कि वे अमेरिका से अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन खुद कुछ पर्याप्त नहीं कर रहे हैं।

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    भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है

    ट्रंप प्रशासन ने भारत के रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं।

    रूबियो ने कहा कि ट्रंप ने पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के साथ संघर्ष की दिशा को लेकर अपनी ''गहरी निराशा'' व्यक्त की है, यहां तक कि अगस्त में अलास्का में उनके साथ शिखर बैठक के बाद भी।

    रूबियो ने जयशंकर से मुलाकात की

    रूबियो ने सोमवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली। बैठक पिछले कुछ महीनों में व्यापार, टैरिफ और दिल्ली की रूस से ऊर्जा खरीद पर दोनों देशों के बीच तनाव के बीच रूबियो और जयशंकर के बीच पहली व्यक्तिगत बैठक थी।

    परमाणु मुद्दे पर अमेरिका के साथ नहीं होगी सीधी बातचीत: खामेनेई

    ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत से इन्कार कर दिया। खामेनेई का यह बयान उस समय आया है, जब ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए न्यूयार्क यात्रा पर हैं।

    खामेनेई की यह टिप्पणी मसूद पेजेशकियन को सीमित कर सकती हैं और अमेरिका के साथ किसी भी संभावित संवाद को रोक सकती हैं। खामेनेई ने ईरानी सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक भाषण में यह टिप्पणी की।

    यह टिप्पणी ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची द्वारा यूरोपीय समकक्षों के साथ बैठक के बाद आई, जिसमें परमाणु प्रतिबंधों को फिर से लागू होने से रोकने की मांग की गई थी। खामेनेई ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत संभव नहीं है।

    परमाणु गतिविधियां और संवर्धन बंद हो गए हैं

    अमेरिका ने बातचीत के नतीजों की घोषणा पहले ही कर दी है, नतीजा यह है कि परमाणु गतिविधियां और संवर्धन बंद हो गए हैं। यह कोई बातचीत नहीं है। यह एक हुक्मनामा है, एक थोपा हुआ आदेश है। जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई की टिप्पणी से पहले ही जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने ईरान के साथ समझौते की संभावना को बेहद कम बताया था।