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    चीन को ताइवान ने दिया बड़ा झटका, DeepSeek पर लगाया बैन; कहा- इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 11:48 PM (IST)

    इटली के बाद ताइवान ने चीनी एआई मॉडल डीपसीक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी इसको लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। ताइवान ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह फैसला लिया है। ताइवान का कहना है कि डीपसीक ताइवान का अहम डाटा चीन की सरकार को साझा कर सकती है। उधर कई मानवाधिकार कार्यकर्ता भी डीपसीक पर सवाल उठा रहे हैं।

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    डीपसीक पर ताइवान का बड़ा एक्शन। ( फाइल फोटो )

    एएनआई, ताइपे। ताइवान ने चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल डीपसीक (DeepSeek) पर बैन लगा दिया है। अब ताइवान में कोई भी सरकारी कर्मचारी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। ताइवान के डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की है कि सरकारी कर्मचारियों को चीन के नए एआई मॉडल डीपसीक के इस्तेमाल से प्रतिबंधित किया गया है।

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    ताइवान ने सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया है। ताइवान को शक है कि डीपसेक चीन को संवेदनशील डाटा लीक कर सकता है।

    इन कर्मचारियों पर लागू होगा प्रतिबंध

    एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि डिजिटल मामलों के मंत्रालय ने डीपसीक एआई को एक चीनी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पाद के तौर पर वर्गीकृत किया है। मंत्रालय ने यह भी आगाह किया कि किसी भी डेटा लीक से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

    यह प्रतिबंध केंद्रीय और स्थानीय सरकारी एजेंसियों, पब्लिक स्कूलों, राज्य के स्वामित्व वाले व्यवसायों और अन्य संबद्ध संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू होगा। अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल लोगों और सरकारी वित्तपोषित फाउंडेशन से जुड़े लोगों पर भी यह बैन लगेगा।

    नैतिकता और सुरक्षा के मामले में घिरा डीपसीक

    दुनियाभर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने चीन के नए विकसित एआई प्लेटफॉर्म डीपसीक मुखर आलोचना की। डाटा की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कई मामलों को चीन की सरकार सेंसर भी कर रही है। तकनीकी तौर पर अमेरिका के टेक बाजार में तहलका मचाने वाले डीपसीक को अब नैतिक और सुरक्षा के मुद्दे पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

    डीपसीक को लेकर चिंताएं क्यों?

    28 जनवरी को उइगर अभियान ने खुलासा किया कि डीपसीक चीन में स्थित सर्वरों पर आईपी एड्रेस और बातचीत की हिस्ट्री जैसी व्यक्तिगत जानकारी को इकट्ठा करने में जुटा है। आशंका जताई जा रही है कि इस डाटा का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुरुपयोग कर सकती है। डीपसीक पर असहमति वाले विचारों को दबाने का भी आरोप लगा है।

    शिनजियांग से जुड़ी जानकारी को सेंसर किया जा रहा है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि डीपसीक का उपयोग चीन सरकार डिजिटल निगरानी के उपकरण के तौर पर कर रही है।

    इटली भी कर चुका ब्लॉक

    ताइवान से पहले इटली डीपसीक को ब्लॉक कर चुका है। इटली ने पारदर्शिता की कमी की वजह से यह कदम उठाया है। वहीं अमेरिका और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने भी गोपनीयता संबंधी चिंता व्यक्त की है।

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