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    Syria Civil War: तख्तापलट के बाद कहां भागे राष्ट्रपति असद? सीरिया पर विद्रोहियों के कब्जे से गहराया रहस्य

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 08 Dec 2024 02:24 PM (IST)

    Syria Civil War सीरियाई सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का भी अंत हो गया है। विद्रोहियों ने अचानक सरकार के कब्जे वाले क्षेत्र में हमला किया और 10 दिनों में राजधानी में प्रवेश किया। उधर विद्रोहियों के आते ही राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग गए। असद कहां भागे हैं इसको लेकर कई दावे किए जा रहे हैं।

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    Syria Civil War सीरियाई राष्ट्रपति के भागने पर कई दावे। (फोटो- रायटर)

    एजेंसी, बेरूत। सीरिया में आज सुबह विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क में घुसकर तख्तापलट कर दिया। सीरियाई सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का भी अंत हो गया है। विद्रोहियों ने अचानक सरकार के कब्जे वाले क्षेत्र में हमला किया और 10 दिनों में राजधानी में प्रवेश किया। उधर, विद्रोहियों के आते ही राष्ट्रपति असद देश छोड़कर भाग गए।

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    देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति

    असद देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। असद विद्रोहियों के राजधानी में आने से पहले ही भाग गए। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के रामी अब्दुर्रहमान ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि असद ने दमिश्क से उड़ान भरी। 

    असद के मुख्य समर्थक ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि असद राजधानी छोड़ चुके हैं। हालांकि, सीरियाई सरकार की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया।

    कहां गए राष्ट्रपति असद?

    हालांकि, असद ने देश छोड़ा है या नहीं इसको लेकर समाचार एजेंसी ने पुष्टि नहीं की है। इससे असद के ठिकाने के बारे में रहस्य गहरा गया है। कई विरोधाभासी रिपोर्टों के अनुसार, असद रूस और जॉर्डन के लिए रवाना हुए हैं।

    पीएम गाजी ने भी किया किनारा

    उधर, असद के देश छोड़कर जाने को सीरिया के सरकारी मीडिया ने अफवाह बताया है और कहा कि वह दमिश्क में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने रविवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि असद या रक्षा मंत्री कहां हैं। उन्होंने रविवार की सुबह सऊदी टेलीविजन नेटवर्क अल-अरबिया को बताया कि शनिवार रात से उनसे संपर्क नहीं हो रहा है। 

    इस कारण असद की मुश्किलें बढ़ीं

    बता दें कि असद को अपने सहयोगियों से इस बार कोई मदद नहीं मिली है। उधर, रूस अपने दुश्मन यूक्रेन से युद्ध में व्यस्त है। लेबनान का हिज्बुल्लाह भी इजरायल से जंग लड़कर कमजोर हो चुका है, जिसने एक समय में असद की सेना को मजबूत करने के लिए हजारों लड़ाके भेजे थे। 

    दमिश्क में दिन के उजाले के साथ ही शहर की मस्जिदों में प्रार्थना करने और चौकों पर जश्न मनाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी और 'ईश्वर महान है' के नारे लगने लगे। लोगों ने असद विरोधी नारे भी लगाए और कार के हॉर्न बजाए। कुछ इलाकों में जश्न मनाने के लिए गोलियां भी चलीं। सैनिक और पुलिस अधिकारी अपनी चौकियां छोड़कर भाग गए और लुटेरे रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में घुस गए।

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