पिता चलाता फल की दुकान, बेटा बेरोजगार..., सिडनी में 6 लाइसेंसी बंदूकों से दोनों आतंकियों ने मचाया कत्लेआम
सिडनी में एक चौंकाने वाली घटना में एक फल विक्रेता के बेटे और उसके साथी ने छह लाइसेंसी बंदूकों से कत्लेआम मचाया। बेरोजगारी से जूझ रहे बेटे ने अपने पिता ...और पढ़ें

सिडनी में बाप-बेटे ने 15 लोगों को मौत के घाट उतारा। (फोटो- एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी हनुक्का कार्यक्रम के दौरान आतंकी हमले में 15 लोगों की जान गई है। इस घटना के पीछे बंदूकधारियों की पहचान एक पिता और पुत्र के रूप में हुई है। इसमें से एक हमलावर को सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया और दूसरा भी घायल हो गया, जिसका उपचार चल रहा है।
मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि हमलावर 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम थे। ऑस्ट्रलिया की पुलिस ने इस हमले को लेकर बताया कि दोनों हमलावरों ने भीड़ पर लंबे हथियारों से गोलीबारी की। जांच के दौरान पाया गया कि दोनों के पास कुल 6 लाइसेंस वाले हथियार थे, जिसका इस्तेमाल उन्होंने किया।
एक आतंकी मौके पर ढेर
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों शख्स ने अपने परिवार को बताया था कि वे मछली पकड़ने के लिए दक्षिण तट की यात्रा पर जा रहे हैं। वहीं, सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट में बताया गया कि नावेद अकरम को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, उसके पिता को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। वह फल की दुकान चलाते थे। अकरम बेरोजगार था।
स्थानीय मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, नवीद अकरम एक बेरोजगार राजमिस्त्री था, जिसने लगभग दो महीने पहले अपने नियोक्ता के दिवालिया हो जाने के बाद अपनी नौकरी खो दी थी। उसकी मां का कहना है कि वह काम की तलाश कर रहा था।
27 साल पहले आए थे ऑस्ट्रेलिया
जांच में पाया गया है कि साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आए थे, जिसे 2001 में पार्टनर वीजा में बदल दिया गया था, और तब से वह रेजिडेंट रिटर्न वीजा पर हैं। बताया जा रहा है कि नवीद अकरम को 2022 के एक सोशल मीडिया पोस्ट में टैग किया गया था जिसमें कहा गया था कि उन्होंने पश्चिमी सिडनी के हेकेनबर्ग में स्थित अल-मुराद संस्थान में कुरान की पढ़ाई उत्तीर्ण की है।
आतंकियों के पास बंदूकों के लाइसेंस थे
पुलिस ने जांच में पाया कि पिता के पास छह बंदूकें रखने का लाइसेंस था और पुलिस का मानना है कि गोलीबारी में उन सभी बंदूकों का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस का मानना है कि इस मामले में कोई और शामिल नहीं था। पुलिस ने एक बयान में कहा कि दोनों ने भीड़ पर गोली चलाने के लिए लंबी बंदूकों का इस्तेमाल किया। गौरतलब है कि यह गोलीबारी हनुक्का उत्सव के दौरान हुई, जिसमें पुलिस के अनुसार लगभग 1,000 लोग शामिल हुए थे।

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