'सिर्फ गोलियों की आवाज', सिडनी में बोंडी बीच पर हुई गोलीबारी के दौरान कैसा था दहशत का मंजर? चश्मदीदों ने किया बयां
सिडनी के बोंडी बीच पर हुए हमले के चश्मदीदों ने भयावह मंजर का वर्णन किया। राहगीरों ने गोलियों की आवाज को पटाखों जैसा समझा। बीच पर भगदड़ मच गई, लोग शौचा ...और पढ़ें

ऑस्ट्रेलिया में फायरिंग की कहानी चश्मदीदों की जुबानी।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच पर हुए हमले का चश्मदीदों ने वर्णन किया है। सिडनी के लोकप्रिय बीच पर ड्रिंक का आनंद ले रहे एक राहगीर ने कहा कि उसने शुरू में गोलियों की आवाज को पटाखे चलने की आवाज समझा था।
उसने '9न्यूज' को बताया, ''हम रविवार का सामान्य दिन बिता रहे थे और हमने जो सुना वो पटाखों जैसा लग रहा था।'' एक चश्मदीद ने बताया, ''बीच पूरी तरह से भरा हुआ था। फिर बहुत सारे पटाखे चलने लगे। फिर अचानक हमने देखा कि हजारों लोग भाग रहे थे। तो हम सब अंदर चले गए, शौचालयों में छिप गए। हम शायद 20 मिनट तक वहां रहे, फिर बाहर आए। फिर हमने देखा कि हजारों लोग फिर से सड़क पर हमारी तरफ भाग रहे थे, इसलिए हम फिर से छिप गए और खुद को बंद कर लिया।''
'भागो यह तो गन है'
मैकलेरिया बोंडी रेस्टोरेंट के मालिक एंडी एंथनी ने कहा कि वह गोलीबारी के तुरंत बाद वहां पहुंचे थे। उनके कर्मचारियों और ग्राहकों ने गोलियों की आवाज सुनी और भाग गए। बोंडी निवासी पत्रकार अमेलिया बालिंगर बीच के पास एक रेस्टोरेंट में थीं जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी।
उन्होंने कहा, ''मैंने अपने साथ मौजूद दोस्त से कहा, 'भागो, यह गन है। जब हम भाग रहे थे, तब भी गोलियों की आवाज सुनाई दे रही थी।''
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, मेलबर्न निवासी 32 वर्षीय के लाचलान मोरन अपने परिवार का इंतजार कर रहे थे, तभी उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी। उन्होंने अपने भाई के लिए पकड़ी हुई बीयर गिरा दी और भागना शुरू कर दिया। वह जितनी तेजी से दौड़ सकते थे, दौड़े। उन्होंने लगभग पांच मिनट तक रुक-रुक कर गोलियों की आवाज सुनी।
चप्पलें छोड़कर भागे लोग
मेलबर्न की ही ग्रेस और उनके पार्टनर जोएल सार्जेंट ने बताया कि वे अपने होटल के कमरे में थे जब उन्होंने जोर से आवाज सुनी और अपनी खिड़की से बाहर देखा तो लोग सड़क पर भाग रहे थे। गन की आवाज बहुत तेज थी और 50 से अधिक गोलियां चली होंगी।
रायटर के अनुसार, 38 वर्षीय मार्कोस कार्वाल्हो ने बताया, ''हम सब घबरा गए और भागने लगे। इसलिए हमने सब कुछ वहीं छोड़ दिया, जैसे चप्पलें आदि।' उन्होंने भी 40-50 गोलियां चलने की आवाज सुनी।
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