Burqa Ban: स्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने पर लगा प्रतिबंध, कानून तोड़ा तो देना होगा 96 हजार जुर्माना
स्विट्जरलैंड ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के हिजाब बुर्का या किसी अन्य प्रकार से चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्विट्जरलैंड में यह कानून 1 जनवरी 2025 से लागू हो गया है। वहीं कानून का उल्लंघन करने वालों को 1000 स्विस फ्रैंक यानी 96 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह कानून एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के माध्यम से पारित हुआ था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के हिजाब, बुर्का या किसी अन्य प्रकार से चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्विट्जरलैंड में यह कानून 1 जनवरी, 2025 से लागू हो गया है। वहीं, कानून का उल्लंघन करने वालों को 1,000 स्विस फ्रैंक यानी 96 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह कानून एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के माध्यम से पारित हुआ था।
आलोचकों ने महिलाओं की आजादी पर हमला बताया
स्विट्जरलैंड सरकार का कहना है कि 2021 के जनमत संग्रह के बाद पारित कानून का उद्देश्य सांस्कृतिक मूल्यों और सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा करना है। वहीं, आलोचकों का तर्क है कि प्रतिबंध मुस्लिम महिलाओं को असंगत रूप से लक्षित करता है जिससे धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
कानून तोड़ा तो लगेगा जुर्माना
स्विट्जरलैंड की गवर्निंग फेडरल काउंसिल ने कहा कि जो कोई भी गैरकानूनी तरीके से कानून का उल्लंघन करता है, उसे 11,542 स्विस फ्रैंक ( 1,144 डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। देश ने अपने बुर्का प्रतिबंध को एकीकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम बताया।
फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में बुर्का बैन
प्रतिबंध की कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आलोचना की। उन्होंने कहा यह प्रतिबंध महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक प्रथाओं का अतिक्रमण करता है। यह पहली बार नहीं है जब किसी पश्चिमी देश ने इसी तरह का कानून बनाया है। स्विट्जरलैंड फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने हाल के वर्षों में इसी तरह के नियम अपनाए हैं।
सबसे पहले फ्रांस में लगाया था प्रतिबंध
फ्रांस पहला यूरोपीय देश है, जिसने मुस्लिम महिलाओं पर बुर्का पहनने पर बैन लगाया। वर्ष 2011 में फ्रांस की सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का को पूरी तरह बैन कर दिया। इतना ही नहीं बुर्का पहनने पर जुर्माना भी लगाया गया। कानून के तहत जबरन बुर्का पहनाने वाले को भी दोषी माना गया है। ऐसे लोगों पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है। इसके पूर्व फ्रांस ने वर्ष 2004 में पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगाई गई।
भारत में कर्नाटक जैसे राज्य शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर विवादों का केंद्र रहे हैं। चीन में उइघुर मुस्लिम आबादी को धार्मिक अभिव्यक्ति पर गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है, जिसमें पारंपरिक इस्लामी पोशाक पहनने पर प्रतिबंध भी शामिल है।
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