Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Burqa ban: यूरोपीय देशों में बुर्के पर कहीं नियम लचर तो कहीं कठोर, अब स्विट्जरलैंड में लगा बैन

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Mon, 08 Mar 2021 07:12 PM (IST)

    स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बुर्के पर प्रतिबंध लगाने वाला स्विट्जरलैंड पहला मुल्‍क नहीं है बल्कि इसके पूर्व कई देशों ने अपने यहां बुरके पर प्रतिबंध लगा रखा है। फ्रांस पहला यूरोपीय देश है जिसने बुर्का पहनने पर बैन लगाया।

    Hero Image
    स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर लगी रोक। फाइल फोटो।

    ज्यूरिच, एजेंसी। एक प्रमुख घटनाक्रम में रविवार को स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुर्के पर प्रतिबंध लगाने वाला स्विट्जरलैंड पहला मुल्‍क नहीं है, बल्कि इसके पूर्व कई देशों ने अपने यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगा रखा है। यूरोपीय देशों में यह नियम कहीं लचर है तो कहीं कठोर प्रतिबंध हैं। कई देशों में तो बुर्का पहनने पर जुर्माना और जेल भी है। आइए जानते हैं कि यूरोपीय देशों में क्‍या है बुर्के पर कानून।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2011 में फ्रांस ने सार्वजनिक स्‍थानों पर बुर्का को पूरी तरह बैन

    फ्रांस पहला यूरोपीय देश है, जिसने मुस्लिम मह‍िलाओं पर बुर्का पहनने पर बैन लगाया। वर्ष 2011 में फ्रांस की सरकार ने सार्वजनिक स्‍थानों पर बुर्का को पूरी तरह बैन कर दिया। इतना ही नहीं बुर्का पहनने पर जुर्माना भी लगाया गया। कानून के तहत जबरन बुर्का पहनाने वाले को भी दोषी माना गया है। ऐसे लोगों पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है। इसके पूर्व फ्रांस ने वर्ष 2004 में पहले स्‍कूलों में धार्मिक चिन्‍हों पर रोक लगाई गई।

    अन्‍य यूरोपीय देशों में भी बुर्के पर प्रतिबंध

    • डेनमार्क में बुर्के पहनने पर कानूनी रोक है। देश में सार्वजनिक स्‍थलों पर बुर्का पहनने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। कानून तोड़ने पर 157 डॉलर यानी दस हजार से ज्‍यादा जुर्माने का प्रावधान है।
    • बेल्जियम में बुर्का पहनने पर रोक है। बेल्जियम सरकार ने वर्ष 2011 में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया था। कानून तोड़ने वाली महिलाओं को सात दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुमाने को प्रावधान है।
    • हॉलैंड सरकार ने वर्ष 2015 में बर्के और नकाब पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन यह प्रतिबंध स्‍कूलों, अस्‍पतालों एवं सार्वजनिक परिवहन तक सीमित है।
    • इटली में बुर्का राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बैन नहीं है, लेकिन नोवारा में अपने यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगाया है। इटली में बुर्के पहनने पर किसी तरह की सजा का प्रावधान नहीं है।
    • जर्मनी में वर्ष 2017 में बुर्के और नकाब पर रोक है। यह नियम केवल सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू है। इसके अतिरिक्‍त ड्राइविंग के दौरान भी बुर्का पहनने पर रोक है। जर्मनी की एएफडी पार्टी बुर्के पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है।
    • स्‍पेन के कई जिलों में बुर्के और नकाब पहनने पर प्रतिबंध है। स्‍पेन के कई राज्‍यों में बुर्का पर प्रतिबंध की पहल को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। अदालत ने इसे धार्मिक आजादी का उल्‍लंघन माना। हालांकि, यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट का फैसला इसके उलट है। इस अदालत ने कहा कि बुर्के पर बैन को मानवाधिकार का उल्‍लंघन नहीं है।

    स्विट्जरलैंड में कुछ महिलाएं ही पहनती हैं बुर्का

    स्विट्जरलैंड में इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर महिलाएं सार्वजनिक स्थानों, रेस्टोरेंट, स्टेडियम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सड़क पर नहीं चल पाएंगी। हां, वे धार्मिक स्थलों पर, स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से अपना चेहरा ढंक सकेंगी। कोविड महामारी से बचाव के लिए भी चेहरा ढंकने पर छूट होगी।इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन भी रोका जा सकेगा। वैसे 85 लाख की आबादी वाले देश में कुछ दर्जन महिलाएं ही नकाब या बुर्के का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उन पर रोक लगाकर देश ने अपनी सतर्कता की मंशा जाहिर कर दी है। उल्लेखनीय है कि यूरोप में आतंकी हमलों की संख्या बढ़ रही है। फ्रांस इस तरह के हमलों के निशाने पर है। संसद में स्विस पीपुल्स पार्टी के सदस्य और जनादेश समिति की प्रमुख वाल्टर वॉबमान ने कहा, स्विट्जरलैंड में चेहरा ढंकने की परंपरा नहीं है। हम अपना चेहरा दिखाना पसंद करते हैं।