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    Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में उतरीं ट्रेड यूनियन, एक मार्च को देशव्यापी हड़ताल

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Tue, 28 Feb 2023 03:40 PM (IST)

    श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने देश में स्थिति को सुधारने के लिए टैक्स दरों में बढ़ोतरी की थी। व्यापार संघों ने उनसे इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने अपने आदेश को वापस नहीं लिया जिसकी वजह से एक मार्च को देशव्यापी हड़ताल होने जा रहा है। Photo- AP

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    श्रीलंका में टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में उतरीं ट्रेड यूनियन।

    कोलंबो, पीटीआई। आर्थिक संकट की मार झेल रहे श्रीलंका में स्थिति अब सामान्य की ओर है, लेकिन राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे द्वारा टैक्स रेट और उपयोगिता दरों में बढ़ोतरी के विरोध अब दिखने लगे हैं। श्रीलंका में व्यापार संघों ने एक मार्च यानी कि बुधवार को एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।

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    श्रीलंका में एक मार्च को देशव्यापी हड़ताल

    दरअसल, श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने देश में स्थिति को सुधारने के लिए टैक्स दरों में बढ़ोतरी की थी, जिसको लेकर व्यापार संघों ने उनसे इस आदेश को वापस लेने का आग्रह किया। हालांकि, राष्ट्रपति ने अपने आदेश को वापस नहीं लिया, जिसकी वजह से एक मार्च को देशव्यापी हड़ताल होने जा रहा है।

    श्रीलंका में टैक्स में बढ़ोतरी

    बता दें कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने एक जनवरी को टैक्स में वृद्धि की शुरुआत की थी, जिसके पीछे माना जा रहा है कि इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कारण से लागू किया गया। विक्रमसिंघे ने सोमवार की रात को सार्वजनिक परिवहन, माल परिवहन और बंदरगाहों और हवाई अड्डों से संबंधित सभी कार्यों को कवर करने वाले आवश्यक सेवाओं के आदेश को लागू किया।

    शिक्षक संघ के एक सदस्य, जोसेफ स्टालिन ने कहा, 'ट्रेड यूनियनों द्वारा हड़ताल की चेतावनी देने के बाद भी आवश्यक सेवाओं का राजपत्र जारी किया गया।' वहीं, बिजली कर्मचारियों के ट्रेड यूनियन के रंजन जयलाल ने कहा, 'हम इन अवैध टैक्स आदेशों के खिलाफ हड़ताल करेंगे, जैसा की पहले से ही योजना बनी हुई है।' माना जा रहा है कि केंद्रीय बैंक के कर्मियों सहित डॉक्टर, शिक्षक और बैंक कर्मचारी इस सांकेतिक हड़ताल में शामिल होंगे।

    बैंक कर्मचारी संघ के चन्ना दिसानायके ने कहा, 'अगर सरकार ने टैक्स प्रस्तावों को वापस लेने के लिए कार्रवाई नहीं की, तो हम अगले सप्ताह से विशेष रूप से कार्रवाई करेंगे।'

    आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए टैक्स में वृद्धि

    मालूम हो कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के पास ही वित्त मंत्रालय हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए टैक्स बढ़ाना एक आवश्यक कदम था। हालांकि, ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि कर संशोधन आईएमएफ को खुश करने के लिए है, क्योंकि श्रीलंका 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ से मंजूरी का इंतजार कर रहा है।