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    Srilanka में तमिलों को अधिकार देने पर विचार कर रही सरकार, विक्रमसिंघे बोले- जल्द सामाजिक न्याय आयोग होगा गठित

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 16 Jan 2023 07:15 AM (IST)

    श्रीलंका सरकार संविधान के 13 ए संशोधन के पूर्ण क्रियान्वयन पर विचार कर रही है। यह संशोधन भारत और श्रीलंका के बीच हुए समझौते का हिस्सा है जिसमें तमिलों को व्यापक अधिकार दिए जाने हैं। भारत कई बार यह मुद्दा उठा चुका है।

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    रानिल विक्रमसिंघे ने कही तमिलों को व्यापक अधिकार दिए जाने की बात।

    कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उनकी सरकार संविधान के 13 ए संशोधन के पूर्ण क्रियान्वयन पर विचार कर रही है। यह संशोधन भारत और श्रीलंका के बीच 1987 में हुए समझौते का हिस्सा है जिसमें तमिलों को व्यापक अधिकार दिए जाने हैं। सत्ता में उनकी भागीदारी सुनिश्चित होनी है। भारत ने श्रीलंका में सामाजिक एकजुटता के लिए तमिलों को अधिकार दिया जाना जरूरी बताया है। 1987 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति जयव‌र्द्धने के बीच हुए इस समझौते को क्रियान्वित करने के लिए भारत वर्षों से श्रीलंका पर दबाव डाल रहा है।

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    जल्द ही सामाजिक न्याय आयोग गठित होगा

    तमिल समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले थाई पोंगल पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, जल्द ही सामाजिक न्याय आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग देश में रहने वाले सभी समुदायों के लोगों की अपेक्षाओं के बारे में जानकारियां जुटाएगा और सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार अधिकारों के हस्तांतरण का कदम उठाएगी। यह कार्य बगैर भेदभाव किया जाएगा। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे का यह बयान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा से पहले आया है।

    जयशंकर उठा सकते हैं तमिल का मुद्दा

    माना जा रहा है कि जयशंकर अपने दौरे में श्रीलंका में रहने वाले तमिल अल्पसंख्यकों के अधिकारों का मसला उठा सकते हैं। श्रीलंकाई तमिल अक्सर अपने साथ होने वाले भेदभाव को लेकर असंतोष जताते रहते हैं। तमिल पार्टियां भी सरकार के रुख पर निराशा जताती रही हैं।

    विकासशील देशों और जी 20 के बीच भारत निभा सकता अहम भूमिका

    श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा है कि भारत कर्ज के बोझ तले दबे विकासशील देशों और जी 20 देशों के बीच संपर्क (पुल) का काम कर सकता है। यह भूमिका निभाने के लिए भारत उपयुक्त स्थिति में है। विक्रमसिंघे ने यह बात दो दिवसीय वायस आफ ग्लोबल साउथ समिट के समापन समारोह में कही। उल्लेखनीय है कि भारत के पास इस समय दुनिया के 20 सबसे ज्यादा संपन्न देशों के संगठन जी 20 की अध्यक्षता है। इसके चलते भारत में पूरे वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला गतिविधियां चलेंगी। समिट में श्रीलंका के वित्त मंत्री शेहन सेमासिंघे ने कहा, उनके देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अविलंब मदद की अपेक्षा है। उनका देश इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।