कोलंबो, पीटीआई। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि उनके देश को अपनी गलतियों और विफलताओं को सुधारना चाहिए। गंभीर आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका ने शनिवार को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। राजधानी कोलंबो में आयोजित मुख्य समारोह में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन समेत कई विदेशी हस्तियां मौजूद रहीं।
श्रीलंका ने मनाया अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस
विक्रमसिंघे की अगुवाई में हुए समारोह में सैन्य परेड के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई। विक्रमसिंघे ने कहा, 'उपनिवेश कालीन शासन से मुक्ति के बाद जब देश अत्यंत कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है, तब हमारा यह 75वां स्वतंत्रता दिवस समारोह हो रहा है। हालांकि, यह न केवल हमारे लिए एक राष्ट्र के रूप में अपनी शक्ति एवं उपलब्धियों की समीक्षा, बल्कि अपनी गलतियों एवं विफलताओं को ठीक करने का भी अवसर है।'
विपक्ष ने लगाए सरकार पर आरोप
हालांकि, विपक्षी समूहों की आलोचना के बावजूद यह समारोह आयोजित किया गया। विपक्ष का दावा है कि कार्यक्रम पर 20 करोड़ श्रीलंकाई रुपये खर्च हुए। धन का अपव्यय ऐसे समय किया गया, जब देश आर्थिक संकट में फंसा है। बता दें कि गत वर्ष श्रलंका में आर्थिक संकट शुरू हुआ था, जिसके बाद आम लोग सड़कों पर उतर आए थे। नतीजन तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को पद छोड़कर विदेश भागना पड़ा था।
भारत के साथ कूटनीतिक संबंध के भी 75 वर्ष: मुरलीधरन
मुरलीधरन ने कहा कि मित्र देश श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भारत के साथ कूटनीतिक संबंध के भी 75 वर्ष पूरे हो हो रहे हैं। भारत सदैव श्रीलंका का भरोसेमंद साझीदार और विश्वसनीय मित्र प्रमाणित हुआ है।'