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    दिल्ली-न्यूयॉर्क सिर्फ 61 सेकंड में...NASA के प्रोब ने तोड़ी रफ्तार की सीमाएं; पहुंचा सूरज के करीब

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 08:34 PM (IST)

    नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने 18 सितंबर को सूरज के पास पहुंचकर 25वीं फ्लाइबाई पूरी की। संपर्क टूटने के बाद भी यान ने खुद काम किया और रिकॉर्ड 6 लाख 87 हजार किमी/घंटा की रफ्तार से सूरज के पास पहुंचा। पार्कर का मकसद सोलर विंड और सूरज की गतिविधियों को मापना है।

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    दिल्ली-न्यूयॉर्क सिर्फ 61 सेकंड में (फोटो सोर्स- नासा)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। NASA का पार्कर सोलर प्रोब ने गुरुवार 18 सितंबर को इतिहास रच दिया। इस अंतरिक्ष यान ने सूरज के बेहद पास पहुंचकर अपनी 25वीं फ्लाइबाई सफलतापूर्वक पूरी की। पृथ्वी से संपर्क टूटने के बाद भी यह यान अपने काम को खुद नियंत्रित करता रहा और नजदीकी मिशन पूरा करने के बाद अमेरिका के मैरीलैंड स्थित जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी से संपर्क किया।

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    इस दौरान पार्कर ने अपनी पुरानी रिकॉर्ड स्पीड को फिर छुआ। यह यान करीब 6 लाख 87 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सूरज के पास पहुंचा। इससे पहले भी यह दिसंबर 2024, मार्च 2025 और जून 2025 में इतनी ही रफ्तार से चला था।

    1 मिनट में दिल्ली से न्यूयॉर्क का सफर होगा तय

    अगर यही गति पृथ्वी पर हो तो दिल्ली से न्यूयॉर्क तक की दूरी यह सिर्फ 61 सेकेंड में तय कर लेगा। जबकि आज की फ्लाइट्स को इस सफर में 15 से 17 घंटे लगते हैं। मिशन के तहत यह यान सूरज से निकलने वाली हवाओं और उसकी गतिविधियों को मापने के लिए बार-बार नजदीक पहुंचता है।

    मिशन का उद्देश्य

    पार्कर का मकसद सूरज के कई रहस्यों को सुलझाना है, जैसे कि सोलर विंड कहां से आती है, सूरज की बाहरी परत उसकी सतह से ज्यादा गर्म क्यों है और विशाल प्लाज्मा के बादल कैसे बनते हैं। NASA ने कहा कि पार्कर की खोजें इंसानों को सूरज को समझने में मदद करेंगी और साथ ही यह भी बताएंगी कि सूरज की घटनाएं अंतरिक्ष यात्रियों, सैटेलाइट्स, हवाई उड़ानों और पृथ्वी के बिजली ग्रिड पर कैसे असर डाल सकती हैं।

    यह मिशन 2018 में लॉन्च किया गया था और नासा के Living With a Star Programme का हिस्सा है। पार्कर ने अब तक कई बार शुक्र ग्रह (Venus) के पास से उड़ान भरते हुए अपना रास्ता सूरज की ओर और छोटा किया है।

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