डील भूले किम, मिसाइल परीक्षणों पर रोक हटाने का किया ऐलान, बढ़ेगी ट्रंप की नाराजगी
किम जोंग उन ने इस बात का ऐलान किया है कि वह परमाणु और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर लगी रोक हटा रहा है।
प्योंगयांग, आइएएनएस। परमाणु हथियारों को खत्म करने को लेकर अमेरिका के साथ किए गए अपने डील को उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन भूल गए हैं और अब परमाणु हथियारों की जांच पर लगी रोक को हटाने की बात कही है। दरअसल, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने एेलान किया है कि देश जल्द ही 'नया कूटनीतिक हथियार' लाएगा। उन्होंने कहा कि परमाणु और लंबी दूरी वाले मिसाइल टेस्ट को खत्म करने का कोई कारण नहीं दिखता। ये बातें उन्होंने अमेरिका के साथ वार्ता के दौरान कही।
अपनी बातों के मायने समझते हैं किम : ट्रंप
बता दें कि उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया था। इसलिए उत्तर कोरिया के इस निर्णय से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी नाराज हो सकते हैं। उत्तर कोरियाई नेता के इस नई धमकी पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया को बताया कि किम के साथ उन्होंने एक डील पर हस्ताक्षर किया था जिसमें परमाणु निरस्त्रीकरण की बात हुई थी। मुझे लगता है कि वह अपनी बातों के मायने को समझते हैं। बता दें कि ट्रंप नये साल के जश्न और समारोह के लिए फ्लोरिडा रवाना हो गए हैं।
जंग के बजाय शांति चुने उत्तर कोरिया: पोंपियो
न्यूज एजेंसी केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि हमारे लिए अब एकतरफा प्रतिबद्धता के लिए कोई आधार नहीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोंपियो ने कहा कि उम्मीद है कि उत्तर कोरिया जंग के बजाय शांति का चयन करेंगे। उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच होने वाली वार्ता बाधित हो गई क्योंकि वाशिंगटन ने पाबंदियों को तबतक हटाने से इंकार कर दिया जबतक प्योंगयांग अपने परमाणु कार्यक्रमों को पूरी तरह नहीं रोक देता है।
परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर किम-ट्रंप की हुई थी डील
परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर किम और ट्रंप के बीच वर्ष 2018 के जून और वर्ष 2019 के फरवरी माह में वियतनाम में वार्ता हुई थी। जून माह में दोनों नेताओं ने अचानक उत्तर व दक्षिण कोरिया को अलग करने वाले असैन्यकृत क्षेत्र (DMZ) में कंक्रीट सीमा पार कर प्रवेश किया मुलाकात की।
2019 के अंत में उत्तर कोरिया ने कई छोटे छोटे हथियारों का परीक्षण किया है। इन परीक्षणों को अमेरिका पर दबाव बनाने के प्रयासों के तौर पर देखा गया।
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