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    Russia Ukraine War: यूक्रेन के सामने भारतीय छात्र ने किया सरेंडर, रूसी सेना के लिए इस वजह से लड़ रहा था जंग

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 09:06 AM (IST)

    यूक्रेन में रूसी सेना के खिलाफ लड़ रहे एक भारतीय नागरिक मोहम्मद हुसैन को यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है। 22 वर्षीय हुसैन गुजरात के मोरबी का रहने वाला है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार उसने युद्ध के मैदान में सिर्फ तीन दिन बिताने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। कीव में भारतीय मिशन मामले की जांच कर रहा है।

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    भारतीय नागरिक ने यूक्रेनी सेना के सामने किया सरेंडर। (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच तीन साल से अधिक समय से जंग जारी है। इस बीच एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। इस जंग में रूसी सेना के लिए यूक्रेन के खिलाफ जंग रहे भारतीय नागरिक को यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है।

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    इस भारतीय नागरिक का नाम मोहम्मद हुसैन है और वह 22 साल हैं। इस संबंध में यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा कि गुजरात के मोरबी निवासी मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन ने युद्ध के मैदान में केवल तीन दिन बिताने के बाद यूक्रेन की सेना के सामने सरेंडर कर दिया।

    मामले की जांच में जुटे अधिकारी

    इस बीच खबर है कि कीव में भारतीय मिशन इन रिपोर्टों की सत्यता की जांच कर रहा है। हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक सूचना यूक्रेन की ओर से नहीं मिल सकी है।

    यूक्रेनी सेना का आरोप है कि हुसैन शुरुआत में पढ़ाई के लिए रूस गया था। हालांकि, बाद में चलकर उसे ड्रग्स से जुड़े व्यापार में गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, इस मामले में उसको सात साल की सजा सुनाई गई। यूक्रेनी ब्रिगेड ने एक बयान में कहा कि जेल से बचने के लिए वह युद्ध में शामिल हो गया था।

    सामने आया वीडियो

    गौरतलब है कि भारतीय नागरिक का एक वीडियो भी सामने आया है। यूक्रेन की ब्रिगेड की ओर से शेयर किए गए एक पोस्ट में हुसैन को रूसी भाषा बोलते हुए देखा जा सकता है। हुसैन ने यह स्वीकार किया उन्होंने जेल की सजा से बचने के लिए रूसी सेना में भर्ती हुए थे। सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में हुसैन कहते नजर आ रहे हैं, मैं जेल से बचना चाहता था, इसलिए मैंने विशेष सैन्य अभियान के लिए एक अनुबंध पर साइन किए थे।

    रूसी सेना में 150 से अधिक भारतीयों की भर्ती

    गौरतलब है कि पिछले महीने ही विदेश मंत्रालय ने पुष्टि करते हुए बताया कि भारत ने रूसी सेना में सेवारत 27 भारतीयों को रिहा करने और स्वदेश वापस लाने के लिए मॉस्को पर दबाव डाला था। आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें, तो साल 2022 में शुरु हुई इस जंग के बाद 150 से अधिक भारतीयो को रूसी सेना में शामिल किया जा चुका है। (एजेंसी के इनपुट के साथ)

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