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    ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने रखा IMF में सुधारों का प्रस्ताव, वोटिंग के अधिकारों में भी बदलाव की रखी गई मांग

    ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों ने एक साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधारों की मांग की है जिसमें मतदान अधिकारों का पुनर्वितरण और यूरोपीय प्रबंधन की परंपरा को खत्म करना शामिल है। उन्होंने आईएमएफ की आगामी समीक्षा बैठक में कोटा प्रणाली में बदलावों पर चर्चा करने और विकासशील देशों के लिए कोटा बढ़ाने का आह्वान किया है।

    By Agency Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Mon, 07 Jul 2025 04:51 AM (IST)
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    ब्रिक्स देशों ने आइएमएफ में सुधार की मांग की। (फोटो- पीटीआई)

    रॉयटर्स, रियो डी जेनेरियो। विकासशील देशों के समूह ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने एकजुट होकर शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधारों की मांग की। इसमें मतदान के अधिकारों का नए सिरे से वितरण और यूरोपीय प्रबंधन की परंपरा को समाप्त करना शामिल है।

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    ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने पहली बार ऐसा संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें वे प्रस्तावित सुधारों पर एकमत हैं। वे दिसंबर में होने वाली आइएमएफ समीक्षा बैठक में साझा प्रस्ताव का समर्थन करने पर भी सहमत हुए हैं जिसमें योगदान और मतदान अधिकारों को परिभाषित करने वाली कोटा प्रणाली में बदलावों पर चर्चा की जाएगी।

    बयान में क्या कहा गया? 

    बयान में कहा गया है कि कोटे के पुनर्निर्धारण में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सदस्यों की सापेक्ष स्थिति प्रतिबिंबित होनी चाहिए, साथ ही सबसे गरीब सदस्यों के कोटे की रक्षा करनी चाहिए। फार्मूले में विकासशील देशों के लिए कोटा बढ़ाना चाहिए। ब्राजील के एक अधिकारी ने कहा कि ब्रिक्स मंत्रियों ने मुद्राओं के मूल्य को ध्यान में रखते हुए आर्थिक उत्पादन और क्रय शक्ति के आधार पर एक नए फार्मूले का आह्वान किया, जो कम आय वाले देशों का बेहतर प्रतिनिधित्व करेगा।

    शिखर सम्मेलन से पहले हुई वित्त मंत्रियों की बैठक

    समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक शिखर सम्मेलन से पहले हुई है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले समूह में पिछले मिस्त्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई को शामिल किया गया था।संयुक्त बयान में ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों ने एकतरफा रूप से टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

    उन्होंने कहा कि ये उपाय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार को विकृत करते हैं। यह बयान अनिश्चितता और अस्थिरता से भरी वैश्विक आर्थिकी के बीच आया है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ वृद्धि पर 90-दिवसीय रोक खत्म होने की समय सीमा नजदीक आ रही है।

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