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    बीएनपी कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान दो सीटों से लड़ेंगे चुनाव, मतदाता सूची में नाम होगा शामिल

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 11:20 PM (IST)

    बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान अगले साल 12 फरवरी को ढाका-17 और बोगुरा-6 सीटों से चुनाव लड़ेंगे। बांग्लादेश चुनाव आयोग ने उनका नाम मतदाता सूची ...और पढ़ें

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    बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान अगले साल 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में दो सीटों - ढाका-17 और बोगुरा-6 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने रविवार को बीएनपी के गुलशन स्थित अध्यक्ष कार्यालय का दौरा किया। 2008 में इसके निर्माण के बाद से कार्यालय की उनका यह पहला दौरा था।

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    बीएनपी मीडिया सेल के सदस्य सैरुल कबीर खान ने बताया कि रहमान दोपहर 1.43 बजे (स्थानीय समय) कार्यालय पहुंचे और वहां बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्यों के साथ संगठनात्मक मामलों और चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। इस बीच, बांग्लादेश चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय चुनाव और जनमत संग्रह से पहले रहमान का नाम मतदाता सूची में शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

    चुनावों के दौरान सुरक्षा बढ़ाने के लिए बनेगा साइबर सुरक्षा परिषद

    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने चुनाव के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक साइबर सुरक्षा परिषद के गठन का निर्देश दिया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि साइबर अपराधों से बहुत सख्ती से निपटा जाएगा। हमें आगामी चुनावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी डाटा उपयोग क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।

    सरकार सभी प्रकार की नागरिक सेवाओं को आनलाइन प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास कर रही है। वर्तमान में भारत और विदेश में कई सेवाएं आनलाइन प्रदान की जा रही हैं। इन सेवाओं को सुरक्षित और निर्बाध बनाए रखने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत करना आवश्यक है।

    जून से दिसंबर तक हिंदुओं पर ईशनिंदा से जुड़े 71 हमले हुए

    बांग्लादेश अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जून से दिसंबर के बीच हिंदू अल्पसंख्यकों पर ईशनिंदा के आरोपों से संबंधित कम से कम 71 हमले हुए। चांदपुर, दिनाजपुर, लालमोनिरहाट, सुनामगंज, खुलना, कोमिला, गाजीपुर, तंगेल और सिलहट सहित 30 से अधिक जिलों से मामले दर्ज किए हैं।

    ईशनिंदा के आरोपों के कारण अक्सर पुलिस कार्रवाई, भीड़ हिंसा और दंड का सामना करना पड़ता है। उधर, पिछले साल जुलाई-अगस्त में विद्रोह के दौरान जेल से फरार हुए छह दोषी उग्रवादी अभी भी पकड़ से दूर हैं, जबकि क्षतिग्रस्त जेलों से लूटे गए 18 हथियार अभी तक नहीं मिले हैं। उग्रवाद से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार लगभग 200 कैदियों को पिछले आठ महीनों में जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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