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    बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब, भारत में विरोध प्रदर्शन के बाद टेंशन में यूनुस सरकार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:50 AM (IST)

    विदेश मंत्रालय ने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वि ...और पढ़ें

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने द डेली स्टार को बताया कि विदेश सचिव असद आलम सियाम ने मंगलवार, 23 दिसंबर की सुबह करीब 9:30 बजे भारतीय उच्चायुक्त को बुलाया और उन्हें नई दिल्ली, कोलकाता और अगरतला स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी ली।

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    बांग्लादेश मिशन ने नई दिल्ली और अगरतला में सभी काउंसलर और वीजा सर्विस को सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए बंद कर दिया है। कोलकाता में भी वीजा के लिए आवेदन केंद्र को विरोध प्रदर्शन के चलते बंद करने का फैसला लिया गया है।

    बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन

    नई दिल्ली में बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ है। वहीं प्रदर्शनकारी मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्रदास की हत्या के विरोध में भी बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर नारे लगा रहे हैं।

    भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब

    बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बीते एक हफ्ते में दूसरी बार भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है। भारत में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर नई दिल्ली में लगातार प्रदर्शन जारी है।

    भारत में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग बांग्लादेश में हिंदू परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बांग्लादेश में हालात लगातार खराब हो रहे हैं।

    क्या है मामला?

    ढाका ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दीपू चंद्रदास नाम के युवक की बांग्लादेश में हत्या कर दी गई। 27 साल का दीपू एक गारमेंट फैक्ट्री में फ्लोर मैनेजर के पद पर था. दीपू ने फैक्ट्री में प्रमोशन के लिए भी आवेदन किया था।

    फैक्ट्री के सीनियर मैनेजर साकिब महमूद के मुताबिक, फैक्ट्री के कर्मचारियों ने दीपू पर भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया, जिसके बाद यह विवाद बढ़ता चला गया।

    18 दिसंबर, 2025 को दीपू से जबरन इस्तीफा लेकर फैक्ट्री से बाहर कर दिया गया और भीड़ के हवाले कर दिया। दीपू के बड़े भाई अप्पू को फोन आया कि दीपू को पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है, लेकिन बाद में दीपू का शव जला हुआ मिला।

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