बांग्लादेश में प्रदर्शनों का एक साल पूरा, शेख हसीना के बेटे का छलका दर्द; बोले- 'लोगों को हो रहा गलती का एहसास'
बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिद वाजेद ने कहा कि पिछले साल जुलाई में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बाद कई लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्हें गुमराह किया गया था। साजिद वाजेद ने लोगों से बांग्लादेश की स्वतंत्रता लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
आईएएनएस, ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिद वाजेद ने मंगलवार को कहा कि पिछले साल जुलाई में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के लगभग एक साल बाद कई लोगों को अपनी गलती की गंभीरता का एहसास होने लगा है क्योंकि आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्हें ''गुमराह'' किया गया था।
पिछले साल एक जुलाई से बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर हिंसक छात्र आंदोलन हुआ था। इसके कारण हसीना की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिरा दिया गया था।
छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना ने छोड़ा था पद
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में हिंसक छात्र आंदोलन के बाद हसीना के अप्रत्याशित तरीके से पद से हटने को वैश्विक स्तर पर लगभग 17 करोड़ की आबादी वाले मुस्लिम बहुल राष्ट्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका माना गया था। वर्तमान में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली कार्यवाहक सरकार के तहत बांग्लादेश राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति में है।
अगले साल बांग्लादेश में होने हैं चुनाव
हालांकि, अंतरिम सरकार ने 2026 में आम चुनाव कराने का वादा किया है। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पूर्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) सलाहकार साजिद वाजेद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बिना किसी जनादेश के एक तानाशाही शासन के हाथों में राष्ट्र की स्वतंत्रता, उसके लोगों की सुरक्षा और उसकी लोकतांत्रिक नींव - सभी खतरे में हैं। गलती को पहचानना कमजोरी नहीं है - यह साहस की शुरुआत है।
'देश के लोगों के साथ खड़े होने का आग्रह'
उन्होंने कहा कि आइए, हम अपने देश और उसके लोगों के लिए एक साथ खड़े हों। जुलाई 2024 के दंगे बांग्लादेश के हाल के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। विदेशी फंडिंग से प्रेरित और चरमपंथी ताकतों द्वारा समर्थित, हिंसा और अशांति के उस दौर में कई लोग शामिल थे - कुछ जानबूझकर तो अन्य गुमराह और भ्रमित होकर।
पोस्ट में उन्होंने आगे कहा, ''पेशेवर समुदाय के कई सदस्य, जो लोग वर्षों से देश की सेवा कर रहे थे, वे भी गलत सूचना, अफवाहों और झूठे वादों के जाल में फंस गए और इस तरह उस साजिश का हिस्सा बन गए। जिन लोगों को हम इंटरनेट मीडिया, प्रेस या निजी तौर पर खेद, मोहभंग और गुमराह किए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए देखते हैं - उनके प्रति हम कोई नाराजगी नहीं रखते। हम कोई बदला नहीं चाहते हैं।'' उन्होंने लोगों से ''बांग्लादेश की स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संप्रभुता'' के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
यूनुस बोले, निरंकुशता अगर फिर से उभरे तो विरोध करें
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को अपने देशवासियों से निरंकुशता के फिर से उभरने का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने पिछले साल हुए बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों की याद में एक महीने का कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को हटा दिया गया था।
उन्होंने कहा, ''हम इसे (जुलाई विद्रोह) हर साल मनाएंगे ताकि हमें फिर से किसी विद्रोह के लिए 16 साल तक इंतजार न करना पड़े। हम इसे हर साल मनाएंगे ताकि अगर तानाशाही का कोई भी संकेत मिले तो हम उसे तुरंत नष्ट कर सकें।''
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