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    बांग्लादेश में दंगाइयों ने मीडिया दफ्तर फूंके, 27 साल में पहली बार नहीं छपा प्रोथोम आलो अखबार

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 11:10 AM (IST)

    बांग्लादेश में दंगाइयों ने मीडिया दफ्तरों को आग लगा दी, जिसके कारण प्रोथोम आलो अखबार 27 वर्षों में पहली बार प्रकाशित नहीं हो सका। यह घटना देश में राजन ...और पढ़ें

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    बांग्लादेश में हालात बेकाबू। (फोटो- रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश एक बार फिर से बड़ी हिंसा की चपेट में है। प्रदर्शनकारियों ने हाल में ही में जमकर उत्पात मचाया तथा कई इमारतों को निशाना बनाया और आग के हवाले कर दिया।

    दरअसल, शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में लोगों का गुस्सा भड़का और उन्होंने ढाका की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान भीड़ के हिस्से ने बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक प्रोथोम आलो अखबार की इमारत को आग के हवाले कर दिया।

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    पत्रकारों की जान बाल-बाल बची

    इस दौरान किसी तरीके से बिल्डिंग के भीतर मौजूद पत्रकारों ने अपनी जान बचाई। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अखबार के एडिटर ने बताया कि बदमाशों ने मीडिया हाउस में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इससे पत्रकारों को ऑफिस से भागना पड़ा और अखबार और उसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का पब्लिकेशन रुक गया।

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    इस घटना को लेकर बात करते हुए शरीफ ने कहा कि यह हमला कल देर रात हुआ जब पत्रकार अगले दिन के अखबार और ऑनलाइन कंटेंट पर काम कर रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि लोगों में गुस्सा था और बदमाशों ने उस गुस्से को अखबारों को नुकसान पहुंचाने की तरफ मोड़ दिया। इसके कारण हमारे पत्रकार काफी डर गए और उन्हें ऑफिस से भागना पड़ा।

    27 साल में पहली बार नहीं प्रिंट हुआ अखबार

    अखबार के एडिटर ने बताया कि हमले के कारण, प्रोथोम आलो आज अपना प्रिंट एडिशन पब्लिश नहीं कर पाया, और इसका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कल रात से ऑफलाइन है। आगे कहा कि 1998 में हमारी स्थापना के बाद से, 27 सालों में यह पहली बार है जब हम अपना अखबार पब्लिश नहीं कर पाए हैं। यह अखबारों के लिए सबसे काली रात है।

    मामले की जांच की मांग

    इस घटना की गंभीरता को देखते हुए एग्जीक्यूटिव एडिटर ने सरकार से उचित जांच करने, जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और बदमाशों को न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया। उन्होंने इस घटना को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया।

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    अखबार के एडिटर ने बताया पत्रकारिता के लिए काली रात

    इस घटना को उन्होंने देश में पत्रकारिता के लिए सबसे काली रात करार दिया। प्रोथोम आलो के एग्जीक्यूटिव एडिटर सज्जाद शरीफ ने कहा कि ढाका के कारवानबाजार में अखबार के ऑफिस में तोड़फोड़ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बांग्लादेश में समाचार मीडिया पर सीधा हमला था, जिससे 1998 में अपनी स्थापना के बाद से 27 साल के इतिहास में पहली बार अखबार को प्रिंट पब्लिकेशन रोकना पड़ा। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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