भारत विरोधी रुख और चरमपंथियों का समर्थन... क्या है बांग्लादेशी नेता हादी के उदय के पीछे की कहानी?
बांग्लादेश में कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा भड़क उठी है। हादी ने भारत विरोधी लहर का फायदा उठाकर राजनीतिक सफलता हासिल की ...और पढ़ें
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क्या है बांग्लादेशी नेता हादी के उदय के पीछे की कहानी?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार फिर हालात काबू से बाहर हो रहे हैं। कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा की नई लहर दौड़ गई है। हादी ने पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बांग्लादेश में तेजी से तरक्की की थी।
कैसे उभरा कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी
हादी ने राजनीतिक सफलता के लिए भारत विरोधी लहर का फायदा उठाया और देश के इस्लामी चरमपंथियों के एजेंडे को आगे बढ़ाया। हादी ढाका के एक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव उम्मीदवार था। इंकलाब मंचो का प्रवक्ता हादी का जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान बांग्लादेश के मीडिया में शायद ही कोई जिक्र हुआ हो, लेकिन पिछले साल 5 अगस्त को पीएम हसीना के भारत भाग जाने के बाद उन्हें धीरे-धीरे पहचान मिलनी शुरू हुई।
भारत विरोधी अभियान
हादी का फेसबुक पेज इसी साल 20 मई में बनाया गया था। अपनी पहली पोस्ट में से एक में, उसने ढाका यूनिवर्सिटी में 'जुलाई की एकता और भारतीय दबदबे को खत्म करने की साजिश' के खिलाफ एक रैली का आह्वान किया था। इंकलाब मंचो का फेसबुक पेज 23 अगस्त, 2024 को बनाया गया था।
चरमपंथी संगठनों से जुड़ाव
हादी ने देवबंदी मदरसों और चरमपंथी संगठनों के साथ मिलकर काम किया। उनके साथ मिलकर रैलियां कीं और पिछले दिनों हुई हत्याओं के बारे में साजिश की थ्योरी फैलाने के लिए उनके कार्यक्रमों को संबोधित किया।
इस साल जुलाई में, उसने बांग्लादेश खिलाफत यूथ मजलिस द्वारा आयोजित हसीना के बाद सरकार बनाने पर एक ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन को संबोधित किया, जिसका मकसद बांग्लादेश में खिलाफत स्थापित करना था।
अमेरिकी इस्लामिक संगठन से संबंध
इस साल जुलाई में, हादी ने 'जुलाई की बुझती लौ: क्या एकता खत्म हो गई है' शीर्षक वाले एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित किया। यह ऑनलाइन कार्यक्रम अमेरिका स्थित एक इस्लामिक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था जो खुद को मानवाधिकार संगठन के रूप में दिखाता है।

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