पीएम मोदी के पोस्ट पर बांग्लादेश ने जताई आपत्ति, कहा- 1971 की जीत हमारी है; भारत सिर्फ सहयोगी था
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने 54वें विजय दिवस पर राष्ट्रीय स्मारक पर मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। भारत ने भी कोलकाता में विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश की आजादी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को याद किया। मगर पीएम मोदी के पोस्ट पर बांग्लादेश ने आपत्ति जताई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद पहली बार 16 दिसंबर को बांग्लादेश ने आजादी का जश्न मनाया। सोमवार को अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने देश को संबोधित भी किया। बांग्लादेश ने ढाका तो भारत ने कोलकाता में बांग्लादेश की आजादी पर कार्यक्रमों का आयोजन किया। मगर इस बीच बांग्लादेश के एक मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोस्ट पर आपत्ति जताई।
पीएम मोदी ने किया भारत के ऐतिहासिक जीत का जिक्र
1971 युद्ध पर पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उन्होंने आगे लिखा कि सैनिकों के निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे देश की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया। यह दिन उनकी असाधारण वीरता और अडिग भावना को श्रद्धांजलि है। उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा।
भारत सिर्फ सहयोगी था: नजरुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ऐतिहासिक जीत का जिक्र अपने एक्स पोस्ट पर किया। मगर बांग्लादेश के कानून मंत्री आसिफ नजरुल ने इस पर आपत्ति जताई। सोमवार को नजरूल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि 1971 की जीत बांग्लादेश की जीत है। इसमें भारत केवल एक सहयोगी था।
हर साल विजय दिवस मनाता है बांग्लादेश
बता दें कि 16 दिसंबर 1971 को ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली थी। स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माण में भारत की अहम भूमिका थी। भारतीय सेना की बदौलत बांग्लादेश अस्तित्व में आया। 16 दिसंबर को हर साल बांग्लादेश विजय दिवस मनाता है। इस बार बांग्लादेश ने अपना 54वां विजय दिवस मनाया है। खास बात यह है शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद यह पहला कार्यक्रम था।
यूनुस के भाषण में शेख मुजीबुर्रहमान का जिक्र नहीं
54 वें विजय दिवस पर अपने संबोधन में मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का जिक्र तक नहीं किया। मगर उनकी बेटी शेख हसीना के शासन को दुनिया की सबसे खराब निरंकुश सरकार जरूर बताया। पांच अगस्त को छात्र आंदोलन की वजह से शेख हसीना को अपना देश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से बांग्लादेश की कमान नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथों में है।
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