Syrian refugees: सीरियाई शरणार्थी लौटे स्वदेश, लेबनान ने शुरू की योजना
Syrian refugees लेबनान से अपने घर लौट रहे हैं। पिछले सप्ताह लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल औन ने जानकारी दी थी कि सीरियाई शरणार्थी जल्द ही अपने देश लौटना शुरू कर देंगे। बता दें कि लेबनान में लगभग 1.2 मिलियन लोगों ने शरण लिया था।

अरसल (लेबनान), रायटर्स। लेबनान में रह रहे सैकड़ों सीरियाई शरणार्थी बुधवार को अपने स्वेदश लौट गए हैं। लगभग 700 सीरियाई शरणार्थी सूटकेस, बिजली जनरेटर, फ्रिज और यहां तक कि मुर्गियां भी अपने साथ लेकर लेबनान के उत्तरपूर्वी सीमा क्षेत्र में पहुंचे थे। पिछले सप्ताह लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल औन ने जानकारी दी थी कि सीरियाई शरणार्थी जल्द ही अपने देश लौटना शुरू कर देंगे।
लेबनान में 800,000 से अधिक सीरियाई लोगों का घर
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के साथ पंजीकृत 800,000 से अधिक सीरियाई लोगों का घर लेबनान में है। 2011 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद सभी सीरियाई लोग वहां से भाग कर लेबनान में रहने लगे थे। इस दौरान लेबनान में लगभग 1.2 मिलियन लोगों ने शरण लिया।
साल 2018 में जनरल सेक्योरिटी एजेंसी ने एक टूल लांच किया जिसके माध्यम से कोई भी सीरियाई शरणार्थी घर लौटने की इच्छा जाहिर कर सकता हैं। कोरोना महामारी के कारण सीरियाई शरणार्थी अपने घर नहीं लौट पाए थे। बता दें कि सीरिया का अधिकांश भाग गृह युद्ध के कारण तबाह हो गया है। निजी घर, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे बिजली और पानी की सेवाएं भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी थी कि लौटने वाले शरणार्थियों को जोखिम उठाना पड़ सकता है।
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लेबनान करता हैं मेजबानी
सीरियाई शरणार्थियों की सुरक्षित घर वापसी के लिए सीरियाई अधिकारियों ने आवश्यक सुविधाओं की पेशकश की है। बता दें कि लेबनान प्रति व्यक्ति शरणार्थियों की दुनिया की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करता है। लेबनान पिछले कई दशकों से संकट झेल रहा है। लेबनान में आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और राजधानी बेरूत में विस्फोट से परेशानियां बढ़ती ही चली गई है।
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यूक्रेन पर हमले की निंदा कर चुका लेबनान, रूस हुआ हैरान
जब लेबनान ने रूस के हमले की निंदा की थी तो रूस काफी हैरान हो गया था। लेबनान में रूसी दूतावास ने कहा था कि 'लेबनान के विदेश मंत्रालय के बयान से हम हैरान हैं। इस बयान ने हमें चौंका दिया। रूस ने लेबनानी गणराज्य की उन्नति और स्थिरता के लिए योगदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इस मामले में लेबनान ने तटस्थता की नीति छोड़कर रूस का विरोध किया। लेबनान ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा की थी और मास्को से अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने का आह्वान किया था।
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