इजरायल ने 45 फलस्तीनियों के सौंपे शव, बदले में हमास ने 3 बंधकों की डेड बॉडी लौटाई; सीजफायर जारी
इजरायल ने 45 फलस्तीनी नागरिकों के शवों को सौंपा, जिसके बदले में हमास ने 3 बंधकों की डेड बॉडी लौटाई है। यह कार्रवाई इजरायल और हमास के बीच जारी सीजफायर के दौरान हुई है। इस घटनाक्रम से दोनों पक्षों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है, हालांकि संघर्ष अभी भी जारी है। दोनों पक्षों को स्थायी शांति के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे।

इजरायल-हमास शवों की अदला-बदली (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल ने सोमवार को कहा कि हमास की ओर से सौंपे गए तीन शव उन्हें मिल गए हैं। यह बंधकों के अवशेष उन सैनिकों के हैं, जो हमले में मारे गए थे। सेना ने कहा कि ये दक्षिणी इजरायल पर हमले के दौरान मारे गए थे और उनके शवों को आतंकी गाजा ले गए थे।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने तीनों की पहचान कैप्टन ओमर न्यूट्रा (अमेरिकी-इजरायली), स्टाफ सार्जेंट ओज डैनियल और कर्नल असफ हमामी के रूप में की है। हमास के बयान में कहा गया था कि उनके अवशेष रविवार को दक्षिणी गाजा में एक सुरंग में मिले थे।
20 बंधकों के अवशेष जारी
10 अक्टूबर को युद्धविराम लागू होने के बाद से हमास ने 20 बंधकों के अवशेष जारी किए हैं, जिनमें से आठ अभी गाजा में ही हैं। इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजरायल ने 45 फलस्तीनियों के शव सौंपें हैं।
प्रवक्ता जहीर अल-वाहिदी ने बताया कि गाजा के नासिर अस्पताल को सोमवार सुबह शव मिले। यह घटना फलस्तीनी आतंकवादियों द्वारा सात अक्टूबर 2023 को बंधक बनाए गए तीन इजरायली सैनिकों के शव इजरायल को लौटाए जाने के एक दिन बाद हुई है।
ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि उन्होंने न्यूट्रा के परिवार से बात की है। उन्होंने उनके भावनाओं को साझा किया। ट्रंप ने कहा, ''एक अर्थ में वे रोमांचित थे, लेकिन दूसरे अर्थ में जाहिर है, यह बहुत अच्छा नहीं था।'' अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्धविराम के शुरुआती चरण में बंधकों के बदले फलस्तीनी शवों की अदला-बदली केंद्रीय भूमिका में रही है।
क्या है 20 सूत्रीय योजना
इस 20 सूत्रीय योजना में अरब और अन्य सहयोगियों का एक अंतरराष्ट्रीय बल गठित करना शामिल है जो मिस्त्र और जार्डन के साथ मिलकर गाजा की सीमाओं की सुरक्षा और युद्धविराम का पालन सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा। कई देशों ने शांति सेना में शामिल होने में रुचि दिखाई है, लेकिन सैनिकों की तैनाती से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से स्पष्ट आदेश की मांग की है।

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